शहरी क्षेत्र हो या फिर ग्रामीण या फिर गली हो या मुख्य मार्ग लगभग सभी जगह विद्युत ट्रांसफार्मर कंटीली झाडिय़ों से घिरे हुए है। ऐसे में गिली झाडिय़ों में करंट प्रवाहित होने का डर बना रहता है। न तो विद्युत विरतण निगम इन कंटीली झाडिय़ों की कटाई करता और न ही सार्वजनिक निर्माण विभाग। दोनों ही विभाग के कारिंदों की अनदेखी के कारण यहां पर हादसों की आशंका बनी रहती है।शहर के छावनी रोड, मेडिया रोड, रेलवे स्टेशन के पीछे, नृसिंहपुरा, अमरिका बाडिय़ा समेत शहरी क्षेत्र के कई मुख्य मार्ग और ग्रामीण क्षेत्रों में तो अधिकांश जगह विद्युत ट्रांसफार्मर झाडिय़ों से घिरे हुए है। इन क्षेत्रों में करंट प्रभावित होने के कारण हादसों का खतरा बना रहता है। लेकिन किसी को इससे कोई सरोकार नहीं है।
सर्दी और बारिश में यह झाडिय़ां गिली रहती है। विद्युत ट्रांसफार्मर और इनकी करंट प्रभावित तारों के सम्पर्क में आने के कारण कई बार इन झाडिय़ों में भी करंट प्रवाहित हो जाता है। करंट प्रवाहित झाडियों की चपेट में आने से जनहानिक का खतरा बना रहता है।
भुख के कारण कई बार मवेशी या फिर गौवंश हरी झाडिय़ों को खाने की कोशिश में कई बार करंट प्रवाहित तारों या करंट प्रवाहित झाडिय़ों के सम्पर्क में आ जाते है और अकाल मौत का ग्रास बन जाते है।
गर्मी के सीजन में यह झाडिय़ां सूख जाती है। इस सीजन में तेज गर्मी के कारण इन सूखी झाडिय़ों में आग लग जाती है और इसके कारण इन विद्युत ट्रांसफार्मरों के भी जलने की संभावना बनी रहती है। गर्मी में ऐसे कई जगह हादसें भी होना आम बात होती है। लेकिन ट्रांसफार्मरों से घिरी झाडिय़ों को हटाने या कटाने की सुध नहीं ली जाती।