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कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर्स, आईसीयू बैड्स और रैपिड टेस्टिंग किट्स उपलब्ध कराई जाएंगी – चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की रोकथाम और नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री ने पर्याप्त संख्या में वेंटीलेटर्स, आईसीयू बैड्स की उपलब्धता बढ़ाने और और रैपिड टेस्टिंग किट्स की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी निपटने के उपायों के संबंध में चिकित्सा विभाग को सलाह देने के लिए 7 विशेषज्ञ चिकित्सकों की एडवाइजरी कमेटी भी बनाई गई है, जो कि हालात के अनुरूप सरकार को विशेषज्ञ सलाह देगी।


डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के पीड़ितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री ने शनिवार को 7 विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग कर उनके सुझाव लिए। कमेटी में डॉ. वीरेन्द्र सिंह, डॉ. एमएल गुप्ता, डॉ. पीआर गुप्ता, डॉ. अशोक अग्रवाल, डॉ. एसडी गुप्ता, डॉ. राजाबाबू पंवार और डॉ. सुधीर भंडारी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एडवाइजरी कमेटी समय-समय पर अपने शोध और फीडबैक से सरकार को वाकिफ कराती रहेगी। उनके सुझावों के अनुसार चिकित्सकीय सुविधाओं, उपकरण की खरीद आदि पर फैसला लिया जाएगा। 


कोरोना से लड़ने के लिए 10 हजार आईसीयसू और वेंटिलेटर की जरूरतचिकित्सा मंत्री ने बताया कि राजस्थान की जनसंख्या को देखते हुए प्रति 10 हजार लोगों पर 2 वेंटिलेटर और 2 आईसीयू बैड की जरूरत होगी।  इसके अनुसार राज्य भर में 14 हजार आईसीयू बैड और करीब 10 हजार वेंटिलेटर की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री वैभव गालरिया को इनकी खरीद बिना किसी टेंडर के तुरंत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर पर जितने हो सके उतने वेंटिलेटर्स का अधिग्रहण किया जाए। डॉ. शर्मा ने कहा कि आधुनिक तकनीक वाले ऎसे वेंटिलेटर भी बाजार में हैं, जिनसे 3-4 मरीजोें को एक साथ जोड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि एनबीसी कंपनी से ऎसे वेंटिलेटर उपलब्ध कराने की बात सरकार की चल रही है। उसका प्रायोगिक तरीके से परीक्षण कर सही पाया गया तो ऎसे वेंटिलेटर्स को खरीदा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने वेंटिलेटर लेने के निर्देश दिए हैं और उनकी खरीद की कार्यवाही भी शुरू हो गई है। 


जयपुर में 2 हजार से ज्यादा कोरोना जांचें संभव होंगी डॉ. शर्मा ने बताया कि वर्तमान में एसएमएस अस्पताल में 300 से 400 कोरोना जांच हो रही है और 1300 से 1500 जांच प्रतिदिन की जा सकती है। यहां 3 माइक्रोबायोलॉजी की टीमें लगी हुई है। इसके अलावा महात्मा गांधी हॉस्पीटल में भी 500 जांचें की जा सकती हैं और इसे 1000 तक  बढ़ाया जा सकता है। महात्मा गांधी लैब  में जांच के लिए  आईसीएमआर से शीघ्र  अनुमति के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि राज्य भर में 2 से 2.5 हजार जांच की सुविधा अभी उपलब्ध है। इसको भी मुख्यंमत्री ने आने वाले समय में बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। 


जल्द ही आएगी  रैपिड टेस्टिंग किट 
उन्होंने कहा कि प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा संदिग्धों की कम समय में जांच करने के लिए रैपिड टेस्टिंग किट को काम में लिया जाएगा। इस किट को अमरीका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने एप्रूव किया है। इसमें अल्प समय में ही  जांच रिपोर्ट प्राप्त हो जाती है। इस किट का अनुमोदन आईसीएमआर से होना बाकी है। उन्होेंने कहा कि इससे हमारी टेस्टिंग फैसेलिटी मजबूत होगी। मुख्यमंत्री ने रैपिड टेस्टिंग किट अविलम्ब खरीद के भी निर्देश दिए हैं। 

कलेक्टर्स, सीएमएचओ, पीएमओ व अन्य से आज शाम वीडियो कॉन्फ्रेंस
डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश भर में कोरोना के हालात और रोकथाम के उपायों को जानने के लिए मुख्यमंत्री आज शाम 5 बजे प्रदेश के सभी जिला कलक्टर्स, सीएमएचओ, पीएमओ, मेडिकल कॉलजों के प्राचायोर्ं, माइक्रोबायोलॉजी लैब के हैड, अस्पतालों के अधीक्षक व अन्य स्वास्थ्य से जुड़े अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग करेंगे। 


कोरोना से बुजुगोर्ं को ज्यादा खतरा 
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि पूरी दुनिया के आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना से संक्रमण की आशंका सर्वाधिक 60 से ज्यादा उम्र के बुजुगोर्ं में देखी जा रही है। उन्होंने आमजन से अपील की है कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुगोर्ं को भी घर में अलग आइसोलशन में रखें क्योंकि उनके शरीर की  प्रतिरोधी क्षमता कमजोर होती है और वायरस का आक्रमण उन पर ज्यादा होता है। बुजुगोर्ं से यह खतरा अन्य परिजनों को हो सकता है। राज्य में जो 2 मौते हुई हैं, उनकी उम्र भी 73 और 60 वर्ष ही थी। 


बुजुगोर्ं के साथ बच्चे रखें डिस्टेंसिंग 
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोशिश की जाए कि बच्चे भी कुछ दिन दादा-दादी, नाना-नानी और बुजुगोर्ं से थोड़ी दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि इस बात का प्रचार गांवों में भी सरपंचों और जनप्रतिनिधियों के जरिए जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए एफएम रेडियो के जॉकी व अन्य माध्यमों को भी अपनाकर प्रदेश को शिक्षित और जागरूक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह सावधानी के तौर पर किया जा रहा है, कोई बुजुगोर्ं को दूर रखने की बात नहीं है।  

कोरोना प्रभावित ़क्षेत्रों में करवाया जाएगा फ्लैगमार्च 
डॉ. शर्मा ने कहा कि जयपुर के रामगंज में 2 पॉजीटिव केसेज सामने आए हैं, भीलवाड़ा में लगातार आ रहे हैं, ऎसे ही जोधपुर, झुंझुनूं  में भी आर्मी को फ्लैग मार्च कराना पड़ा तो वहां भी करवाएंगे। उन्होंने कहा कि जहां भी कोरोना का प्रभाव ज्यादा है वहां आर्मी और पुलिस दोनों फ्लैग मार्च कर सकती है। 

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