जवाजा बीसलपुर परियोजना का काम करीब दस साल पहले स्वीकृत हुआ। इसका काम करीब सात साल पहले शुरु हुआ। इस काम को तीन साल में पूरा किया जाना था। निर्धारित अवधि निकलने के बावजूद परियोजना का काम पूरा होना तो दूर अब तक पाइप लाइन डालने के अनुमति भी नहीं मिल सकी है। जबकि साठ जगह पर भूतल जलाशय निर्माण को लेकर भी जमीन को लेकर सहमति नहीं बन सकी है। जबकि इस परियोजना को करीब एक साल पहले ही पूरा किया जाना था। यहीं स्थिति बनी रही तो अब भी निर्धारित समय में पाइप लाइन डालने का काम पूरा नहीं हो सकेगा। जवाजा बीसलपुर परियोजना वर्ष 2013 में स्वीकृत हुआ। वर्ष 2016 तक इस परियोजना का काम पूरा किया जाना था। यह काम पूरा नहीं हो सका। इस परियोजना का काम पूरा नहीं होने पर इसका वापस टेंडर हुए। नए टेंडर के तहत यह काम जुलाई 2019 तक पूरा किया जाना था। इसके बावजूद अब तक रामसर बलाइयान एवं इससे जुड़े करीब 15 गांवों तक जलापूर्ति करने को लेकर पाइप लाइन डाली जानी है। इसके लिए राजमार्ग का हिस्सा आ रहा है। इसके लिए पाली राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से आठ जगह के लिए अब तक अनुमति अटकी है। इसी प्रकार जवाजा तालाब से पानी की पाइप लाइन निकलनी है। इसके लिए करीब 700 मीटर पाइप लाइन डालने की अनुमति नहीं मिल सकी है। शेरों का बाला में 25 किलोमीटर पाइप लाइन का क्षेत्र वन विभाग का आता है। वन विभाग की ओर से इसके लिए अब तक अनुमति नहीं मिल सकी है।
परियोजना को पूरा किए जाने का निर्धारित समय निकल चुका है। अब तक आठों ही कलस्टर के अलग-अलग साठ गांवों में भूतल जलाशय का निर्माण नहीं हो सका है। इन गांवों में भूतल जलाशय बनाने को लेकर अब तक स्थान चयन को ही अंतिम रुप नहीं दिया जा सका है। ऐसी ही स्थिति बनी रही तो यह परियोजना सितम्बर माह तक पूरे होने के आसार भी कम ही है। इसी प्रकार परियोजना के तहजत 72 उच्च जलाशय का निर्माण किया जाना है। अब तक साठ उच्च जलाशय का निर्माण ही हो सकेगा।
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