बारिश से शहर पानी से तरबतर, 2 दिन में ढाई इंच बारिश
शहर में गुरुवार सुबह से शुरू हुआ झमाझम बारिश का दौर शुक्रवार शाम तक कभी रुक रुक कर तो कभी तेज बारिश के साथ चल रहा था। शुक्रवार शाम खबर लिखे जाने तक बारिश का दौर जारी था। सिंचाई विभाग के अनुसार बुधवार रात से शुक्रवार सुबह 8 बजे तक 60 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है। विभाग के अनुसार जून से अभी तक 678 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है। इस बार की बारिश से सबसे अधिक खुशी किसानों को है। दो दिन से हो रही बारिश के कारण मकरेड़ा तालाब ओवरफ्लो हो चुका है। जिस कारण ब्यावर पीसांगन मार्ग पर पुलिया पर करीब 3 फीट पानी बह रहा है इससे इस मार्ग पर आवागमन बाधित हो रहा है। प्रशासन ने एहतियातन इस मार्ग पर वाहनों के आवागमन को रोकने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही दो दिन से हो रही बारिश से जवाजा के शेरों का बाला और लसानी तालाब की चादर चलने लगी है। बारिश के चलते अनेक निचली कॉलोनियों में जलजमाव हुआ है, वहीं तंग गलियां और सड़कों की नालियां जाम हो गई हैं। इस कारण से शुक्रवार सुबह शहर में अनेक जगहों पर सफाई व्यवस्था भी ध्वस्त रही।
शेरों का बाला की चली चादर : दो दिन से हो रही बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भी पानी की आवक हो रही है। सिंचाई विभाग के अनुसार लगातार हो रही अच्छी बारिश के बाद मकरेड़ा तालाब की चादर तो पहले ही चल गई थी तो वहीं दाे दिन से हो रही रुक रुक कर बारिश के बाद जवाजा के शेरों का बाला और लसानी तालाब भी छलक उठे हैं। हालांकि जालिया के फूल सागर तालाब में अभी भी पानी की आवक नहीं हो सकी है।
मकरेडा तालाब की चली चादर : अच्छी बारिश के चलते आसपास के तालाबों में पानी भारी आवक हो रही है जिसके कारण किसानों तथा शहरवासियों के चेहरे खिले हुए हैं। भारी बरसात के चलते शहर के निकटवर्ती ग्राम मकरेड़ा के तालाब में भी पानी की अच्छी आवक हो रही है। पानी की आवक के चलते तालाब की चादर चल गई है। तालाब की चादर चलने के साथ ही आसपास के किसानों के चेहरे री रंगत बदल गई है। बड़ी संख्या में लोग तालाब की चादर देखने के लिए पहुंच रहे है। उधर तालाब की चादर चलने के बाद खुशी जताते हुए आसपास के निवासियों ने बताया कि दो वर्ष बाद तालाब की चादर चली है जिसके कारण तालाब में भरा केमिकलयुक्त पानी बाहर निकल रहा है। क्षेत्रवासी मदनसिंह ने बताया कि तालाब में केमिकलयुक्त पानी भरा होने के कारण आसपास के खेतों की जमीन खराब हो रही है जिसके कारण किसान अच्छी फसल नहीं ले पा रहे है। क्षेत्रवासी विजेन्द्र दगदी ने बताया कि तालाब में पानी की आवक होने के कारण अब किसान भरपूर फसल ले सकेंगे। मालूम हो कि मकरेड़ा के इस तालाब के पानी से आसपास के गांवों के खेतों में बोई जाने वाले फसलों को फायदा होता है। किसान खेतों में बराबर दो फसलें उगा सकते हैं।