मध्य प्रदेश के एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट विशाल दीवान ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को अप्रोच किया है। विशाल का कहना है कि राहुल गांधी की देश में हुए 27 चुनावों में हार हुई है। लिहाजा, उनका नाम गिनीज रिकॉर्ड्स में शामिल किया जाए।जहां राहुल ने प्रचार किया, वहां कांग्रेस हारी…
– ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के मुताबिक, दीवान का मानना है कि पिछले 5 साल में राहुल जहां भी प्रचार करने गए, वहां कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।
– दीवान ने गिनीज बुक एडमिनिस्ट्रेशन को न केवल लेटर लिखा, बल्कि एनरोलमेंट फीस भी चुकाई। वहीं, गिनीज बुक ने उन्हें कन्फर्म किया है कि उनका लेटर एक्सेप्ट कर लिया गया है।
– हालांकि, गिनीज बुक एडमिनिस्ट्रेशन ने ये नहीं बताया कि उनकी एप्लिकेशन अप्रूव हुई या नहीं।
– उनका कहना है, “राहुल देश में 27 चुनाव हारे हैं। इस लिहाज से वे सबसे ज्यादा चुनाव हारने वाले शख्स हैं। उनका नाम रिकॉर्ड बुक में शामिल होना चाहिए।”
– दीवान ने गिनीज बुक एडमिनिस्ट्रेशन को न केवल लेटर लिखा, बल्कि एनरोलमेंट फीस भी चुकाई। वहीं, गिनीज बुक ने उन्हें कन्फर्म किया है कि उनका लेटर एक्सेप्ट कर लिया गया है।
– हालांकि, गिनीज बुक एडमिनिस्ट्रेशन ने ये नहीं बताया कि उनकी एप्लिकेशन अप्रूव हुई या नहीं।
– उनका कहना है, “राहुल देश में 27 चुनाव हारे हैं। इस लिहाज से वे सबसे ज्यादा चुनाव हारने वाले शख्स हैं। उनका नाम रिकॉर्ड बुक में शामिल होना चाहिए।”
क्या बोले विशाल दीवान?
– दीवान ने DainikBhaskar.com को बताया, “दरअसल राहुल की लीडरशिप में कांग्रेस की लगातार हार हुई है। राहुल की अगुवाई में कांग्रेस ने जितने भी चुनाव-उपचुनाव लड़े, सभी में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।”
– दीवान, भोपाल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के मेंबर भी हैं।
– विशाल ने बताया कि गिनीज बुक में एप्लिकेशन देने के लिए उन्होंने बाकायदा 5 डॉलर (354 रु.) की फीस चुकाई।
स्पीच में गलतियों के चलते राहुल का कई बार उड़ा मजाक
– स्पीच में गलतियों के चलते कई बार सोशल मीडिया पर राहुल की खिल्ली उड़ी। चुनाव के बाद अखिलेश के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में वे यूपी में मिली सीटों को ही भूल गए।
– 5 राज्यों (यूपी, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब) में हुए चुनाव में कांग्रेस 4 में हार गई। वह केवल पंजाब में सरकार बना पाई। मणिपुर-गोवा में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भी कांग्रेस सरकार नहीं बना पाई।
– यूपी में कांग्रेस अमेठी और रायबरेली की सीटें भी नहीं बचा सकी। राहुल अमेठी तो सोनिया रायबरेली से सांसद हैं।
– स्पीच में गलतियों के चलते कई बार सोशल मीडिया पर राहुल की खिल्ली उड़ी। चुनाव के बाद अखिलेश के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में वे यूपी में मिली सीटों को ही भूल गए।
– 5 राज्यों (यूपी, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब) में हुए चुनाव में कांग्रेस 4 में हार गई। वह केवल पंजाब में सरकार बना पाई। मणिपुर-गोवा में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भी कांग्रेस सरकार नहीं बना पाई।
– यूपी में कांग्रेस अमेठी और रायबरेली की सीटें भी नहीं बचा सकी। राहुल अमेठी तो सोनिया रायबरेली से सांसद हैं।
इन 27 राज्यों में राहुल की लीडरशिप में हारी कांग्रेस
2012: यूपी, पंजाब, गोवा, गुजरात।
2013: त्रिपुरा, नगालैंड, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़।
2014: लोकसभा चुनाव, महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना।
2015: दिल्ली।
2016: असम, वेस्ट बंगाल, केरल, तमिलनाडु।
2017: यूपी, उत्तराखंड। (मणिपुर, गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी लेकिन सरकार बीजेपी ने बना ली।)
2012: यूपी, पंजाब, गोवा, गुजरात।
2013: त्रिपुरा, नगालैंड, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़।
2014: लोकसभा चुनाव, महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना।
2015: दिल्ली।
2016: असम, वेस्ट बंगाल, केरल, तमिलनाडु।
2017: यूपी, उत्तराखंड। (मणिपुर, गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी लेकिन सरकार बीजेपी ने बना ली।)
कांग्रेस को 5 साल में सिर्फ 9 बार मिली कामयाबी
2012 : उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर में जीते।
2013 : कर्नाटक, मिजोरम, मेघालय में जीते।
2014 : सभी चुनाव हारे।
2015 : बिहार में गठबंधन जीता।
2016 : पुड्डुचेरी में जीते।
2017 : पंजाब में जीते।
2012 : उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर में जीते।
2013 : कर्नाटक, मिजोरम, मेघालय में जीते।
2014 : सभी चुनाव हारे।
2015 : बिहार में गठबंधन जीता।
2016 : पुड्डुचेरी में जीते।
2017 : पंजाब में जीते।
देश की आबादी में कांग्रेस+UPA के राज्यों की हिस्सेदारी
1- पंजाब : 2.29%
2- कर्नाटक : 5.05%
3- पुड्डुचेरी : 0.10%
4- मेघालय : 0.25%
5- मिजोरम : 0.09%
6- हिमाचल प्रदेश : 0.57%
7- बिहार : 8.60 %
1- पंजाब : 2.29%
2- कर्नाटक : 5.05%
3- पुड्डुचेरी : 0.10%
4- मेघालय : 0.25%
5- मिजोरम : 0.09%
6- हिमाचल प्रदेश : 0.57%
7- बिहार : 8.60 %