अमृतकौर अस्पताल प्रबंधन करेगा मेडिकल वेस्ट से बनी खाद की नीलामी
लंबे समय से सामान्य कचरे के निस्तारण की समस्या से जूझ रहे राजकीय अमृतकौर अस्पताल को अब कचरे के निस्तारण की समस्या से तो छुटकारा मिलेगा ही साथ ही इस मेडिकल वेस्ट के नीलामी से अस्पताल की मेडिकल रिलीफ सोसायटी को भी आय होगी। इस राशि को एमआरएस अस्पताल के अन्य कार्य में लगा सकता है। ज्ञात रहे कि अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष के पीछे एक खाली मैदान में लंबे अर्से से मेडिकल वेस्ट डाला जा रहा है। इस वेस्ट को गड्ढे मेंं डालकर खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार इन गढ्डो में पड़ा मेडिकल वेस्ट करीब 5 से 10 साल पुराना है। ऐसे में यह खाद पूरी तरह तैयार हो चुकी है और अब इसे निकाला जा सकता है।
अब आ रही समस्या
गौरतलब है कि अस्पताल परिसर में बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर तो एक फर्म को ठेका दिया हुआ है लेकिन सामान्य कचरे को लेकर वर्तमान में अस्पताल प्रबंधन और नगर परिषद के बीच तालमेल का अभाव है। इस कारण सामान्य कचरा अस्पताल परिसर में इधर उधर फैल रहा है। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशानुसार सामान्य कचरा निस्तारण के लिए नगर परिषद की जिम्मेदारी है तो वहीं नगर परिषद सामान्य कचरे के निस्तारण की जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन की बता रहा है।
कृषि विभाग से मांगे दिशा निर्देश
अस्पताल परिसर में बने गढ्डों में भरे मेडिकल वेस्ट से बनी खाद को लेकर अस्पताल प्रबंधन ने कृषि विभाग को पत्र लिखा है। पत्र में अस्पताल प्रबंधन ने सहायक निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय को पत्र लिखकर उक्त खाद के निस्तारण और नीलामी को लेकर दिशा निर्देश मांगे हैं। कृषि विभाग द्वारा इस संबंध में दिशा निर्देश प्राप्त होने के बाद अस्पताल प्रबंधन उक्त खाद की नीलामी करेगा। जिससे एमआरएस का आय हो सकेगी।
इनका कहना है
बायोमेडिकल वेस्ट का अलग निस्तारण
गौरतलब है कि अस्पताल परिसर में 6 बड़े बड़े गढ्डे बने हुए हैं। जिनमें अस्पताल प्रबंधन द्वारा काफी समय पूर्व से कचरा डाला जा रहा था। बाद में बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण को लेकर कानून सख्त कर दिए गए। जिसके बाद बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण को लेकर तो नियम सख्त कर दिए गए वहीं सामान्य कचरा इन गढ्डों में डाला गया। गढ्डे भरने के बाद नगर परिषद की मदद से सामान्य कचरे का निस्तारण किया जाने लगा।