दीपावली के त्याैहार को लेकर जहां प्रशासन हर और तैयारियों में जुटी है वहीं नगर परिषद की दमकलें दीपावली से पहले ही हांफ रही है। स्थिति यह है कि नगर परिषद के पास तीन दमकल है लेकिन तीनाें की दमकल खराब है। ऐसे में अगर कोई अनहोनी हो जाती है तो दमकल कर्मियों को आग बुझाने के लिए ही नहीं बल्कि घटनास्थल तक पहुंचने के लिए भी जान जोखिम में डालनी पड़ेगी। ब्यावर शहर के अलावा अास-पास के 200 गांवाें का जिम्मा अग्निशमन विभाग के पास ही है। नगर परिषद की फायर डिपार्टमेंट के पास कुल 3 बड़ी दमकल है। जिनमें से एक तो लंबे अर्से से ऑफ रोड पड़ी है और दो वाहनों पर ही आग बुझाने की जिम्मेदारी है। पिछले कुछ समय से यह दोनों वाहन भी खराब हैं। जानकारी मिली है कि फायर विभाग के चालकों द्वारा करीब 20 दिन पूर्व वाहनों की खराबी को लेकर पत्र लिखकर अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आलम यह है कि अगर आगजनी की कोई घटना हो जाए और अगर आप दमकल विभाग को कॉल करते हैं तो कर्मचारी घटनास्थल का पता पूछने के साथ ही यह भी पूछने को मजबूर है कि घटनास्थल पर कोई चढ़ाई तो नहीं है। दमकल विभाग में 15 फायर मेन तैनात है। इनमें से 2 लीडिंग फायर मेन है और बाकी फायर मेन है। इनमें से 4 फायर वुमन और 1 फायर मेन लंबे समय से डेपुटेशन पर नगर परिषद में तैनात है। 7 पायलट है इनमें से 6 फायर मेन रोटेशन पर रहते हैं और एक रिलीवर रहता है। फायर डिपार्टमेंट की मदद के लिए 9 होमगार्ड को भी लगाया गया है। यह रोटेशन पर ड्यूटियां करते हैं।
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