देलवाड़ा रोड पर पचास हैक्टेयर में वन उद्यान के विकसित होने से पहले अनदेखी की भेंट चढ़ रहा है। करीब दो साल से अधिक समय गुजर जाने के बावजूद न तो चारदिवारी का निर्माण हो सका है एवं न ही पाव वे का निर्माण हो सका है। वन उद्यान के विकसित होने से पहले ही बदहाल होने लगा है। इस उद्यान में उगी जंगली घास के कारण पौधे पनप नहीं पा रहे है। अब तक लगाए गए पौधों की भी समय पर संभाल नहीं होने से पनप नहीं रहे है। सुरक्षा की ओर ध्यान नहीं दिए जाने से हाल ही में लगी आग से करीब आठ सौ पौधे झुलस गए। वन उद्यान में लगाए गए साढ़ बारह हजार पौधों की सुरक्षा तारबंदी के भरोसे है। वन उद्यान के चारों ओर आठ हजार मीटर चारदीवारी की जरूरत है लेकिन अब तक केवल पांच सौ मीटर चारदीवारी निर्माण हो पाया है। शेष क्षेत्र में फिलहाल पौधों की सुरक्षा के लिए तारबंदी कर रखी है। देलवाड़ा रोड पर करीब पचास हेक्टर में वन उद्यान विकसित किया जा रहा है। इस उद्यान में करीब साढे बारह हजार पौधे लगाए जा चुके है। इन पौधों की सुरक्षा के लिए फिलहाल तारबंदी की है। इसकी चारदीवारी की जानी थी लेकिन करीब ग्यारह लाख रुपए का ही बजट मिलने से पांच सौ मीटर चारदीवारी निर्माण का काम ही शुरु हो सका। जबकि आठ हजार मीटर की चारदीवारी का निर्माण किया जाना है। गौरतलब है कि शहर में एक ही बगीचा है। वन उद्यान के विकसित किए जाने से शहरवासियों को घूमने के लिए एक और बगीचा मिल जाएगा
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