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दुग्ध उत्पादक और डेयरीकर्मी हर चुनौती के लिये तैयार 1 करोड़ 11 लाख रुपये मुख्यमंत्री सहायता कोष में दुग्ध उत्पादक देगें मदद

कोरोना संकट की घड़ी में दुग्ध उत्पादक और डेयरीकर्मी हर चुनौती के लिये तैयार
1 करोड़ 11 लाख रुपये मुख्यमंत्री सहायता कोष में दुग्ध उत्पादक देगें मदद

जयपुर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश पूनियां ने एक लाख दुग्ध उत्पादक परिवारों की तरफ से मुख्यमंत्री सहायता कोष में 1 करोड़ 11 लाख रुपये की मदद की घोषणा की, उन्होंने बताया कि संकट की इस घड़ी में पूरा डेयरी परिवार सरकार के साथ खड़ा हैं।
उन्होंने बताया कि जब कोरोना संक्रमण के इस दौर में एक और जहां डॉक्टर, नर्स, पुलिस और मीडियाकर्मी आम लोगों को कोरोना के संक्रमण के बचाने के लिये अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। वहीं दूसरी और छोटे-छोटे गांव और  ढाणियों के एक लाख से अधिक दुग्ध उत्पादक दूध इकट्ठा कर उसे प्रोसेस करने, पैक करने और उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में डेयरीकर्मियों की भी महत्ती भूमिका है। जयपुर डेयरी के कर्मचारी पांच हजार से अधिक डेयरी बूथों और शॉप एजेन्सियों के माध्यम से अकेले जयपुर शहर में रोजाना आठ लाख लीटर दूध की सप्लाई कर रहे हैं। इस सप्लाई को मैन्टेन करने के लिये जयपुर डेयरी परिसर में सैकड़ों कर्मचारी दिन रात काम कर रहें है। हालात यह है कि डेयरी प्रबन्धन इन कर्मचारियों को दिन रात काम कर रहें है। हालात यह है कि डेयरी प्रबन्धन इन कर्मचारियों को दिन रात काम करने के लिये पैकेट में भोजन ही मुहैय्या करा रहा है। जयपुर डेयरी से जुड़ी 2500 से अधिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के एक लाख दस हजार से ज्यादा दुग्ध उत्पादक औसतन दस लाख लीटर दूध रोजाना जयपुर डेयरी को उपलब्ध करा रहे है।
दुग्ध उत्पादको, दूध की हैण्डलिंग में लगे कर्मचारियों, डेयरी प्लान्ट और लेबोरेट्री में काम कर रहे तकनीकी अधिकारियों और पैकिंग से लेकर दुग्ध वितरण तक सभी गतिविधियों में लगे कार्मिकों को कोरोना वायरस से बचाव के लिये सभी आवश्यक पाबन्दियों का पालन किया जा रहा है।
गांव और ढाणियों में प्राथमिक स्तर पर गठित दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों में सोशल डिस्टेन्सिंग के नियम का कढ़ाई से पालन कर दूध इकट्ठा किया जा रहा है। दुग्ध उत्पादकों के हाथ बार-बार साबुन से धुलवाने के अलावा इन्हें उपयोग के लिये मास्क भी उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। दुग्ध समिति पर दूध की जांच के सभी उपकरणों को सेनेटाईज करने के बाद ही दूध की गुणवत्ता की जांच की जा रही है। दुग्ध के परिवहन में लगे सभी वाहनों को नियमित रूप से सेनेटाईज किया जा रहा है। समितियों से दूध की गुणवत्ता की अच्छी तरह से जांच के बाद उसे जयपुर डेयरी प्लान्ट में लाया जाता है। दस लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता के अत्याधुनिक जयपुर डेयरी प्लान्ट और सम्पूर्ण परिसर को नियमित रूप से सेनेटाईज किया जा रहा है। प्लान्ट मेें काम करने, मास्क् के अनिवार्य उपयोग के निर्देश दिये गये हैं। दूध की प्रोसेसिंग और पैकिंग में काम आने वाले सभी मैटेरियल और वाहनरों को सेनेटाईज किया जा रहा है। वितरण व्यवस्था में शामिल सभी स्टॉफ को आवश्यक रूप से मास्क् पहनने और सैनेटाईज करने के निर्देश दिये गये है।
देशव्यापी लोकडाउन के चलते दुग्ध उत्पादको को समय पर भुगतान, पशु आहार की उपलब्धता सुनिश्चित करना, कर्मचारियों की उपलब्धता, समय पर दूध की सप्लाई, गुणवत्ता बनाये रखने जैसी अनेक चुनौतियां है, जिनका राज्य सरकार की गाइड लाइन के अनुसार सामना कर जयपुर डेयरी आपदा की इस विषम परिस्थिति में भी दूध की सप्लाई नियमित रूप से कर रही है।

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