सरकारी स्कूलों के कमजोर नजर वाले बच्चों को अब पढऩे और खेलने के दौरान आंखों की रोशनी के कारण परेशान नहीं होना पड़ेगा। राज्य सरकार ऐसे बच्चों को जल्द ही मुफ्त में नजर के चश्में देगी। इससे पहले बच्चों की आंखों की स्क्रीनिंग होगी। यह जिम्मा विशेषज्ञ चिकित्सकों को सौंपा गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर में इसकी कवायद शुरू कर दी है।राष्ट्रीय अंधता एवं दृष्टि क्षीणता नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 6 से 18 आयु वर्ग के स्कू ली बच्चों को नि:शुल्क चश्में वितरण किए जाने की सरकार की योजना प्रस्तावित है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों के सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में पद स्थापित सभी नेत्र सहायक 6 से 18 आयु वर्ग के स्कू ली बच्चों की आई स्क्रीनिंग कर चश्मा नम्बर (रिफ्रेक्टिव एरर) निकालने का काम करेंगें। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं (जन स्वा.) के निदेशक एवं स्टेट प्रोग्राम कमेटी (ब्लाईंडनेस) के अध्यक्ष डॉ. के.के. शर्मा ने इसकी क्रियांविती के लिए राज्य के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सभी पीएमओ एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी प्रभारियों के आदेश दे दिए है।पहले होगी आंखों की स्क्रीनिंग :जिले के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में पद स्थापित सभी नेत्र सहायक 6 से 18 आयु वर्ग के स्कू ली बच्चों की आई स्क्रीनिंग करेंगें। जिन बच्चों का विजन 6/12 या इससे कम हो तो चश्मों के नम्बर (रिफ्रेक्टिव एरर) भी निकालने होंगें। ताकि उन्हें बाद में नि:शुल्क चश्में दिए जा सके। बिना देरी के करे काम शुरू :राष्ट्रीय कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिले के समस्त राजकीय चिकित्सा संस्थानों में पद स्थापित सभी नेत्र सहायकों को अविलम्ब यह काम शुरू करना होगा। साथ ही बच्चों का व्यक्तिगत विवरण और मोबाइल नम्बर या अभिभावक के मोबाइल नम्बर समेत रिपोर्टिंग प्रपत्र में भरकर हार्ड कॉपी एवं एक्सल शीट (सॉफ्ट कॉपी) 31 जनवरी 2020 तक मुख्यालय भेजनी होगी। इससे पहले यह प्रपत्र मुख्यालय की मैल आईडी पर भी भेजनी होगी।
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