चुनावी गहमागहमी के बीच शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में प्रवेशोत्सव के पहले चरण की तिथि घोषित कर दी है। पहला चरण 26 अप्रैल से शुरू होकर 9 मई तक चलेगा, लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि अधिकांश शिक्षक चुनावी ड्यूटी में व्यस्त है, जो शिक्षक चुनाव ड्यूटी से मुक्त है, वे परीक्षा परिणाम तैयार करने में व्यस्त है। ऐसे में प्रवेशोत्सव की गतिविधियां कराएगा कौन?
विभाग के ही अधिकारियों ने बताया कि प्रवेशोत्सव का पहला चरण 8 मई तक चलना है और मतदान 29 अप्रैल को होने हैं। जबकि विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रवेशोत्सव के दौरान नए बच्चों को स्कूल में प्रवेश कराने को लेकर अभिभावक से सम्पर्क करने, नामांकन व रैली निकालने जैसे कई काम होने हैं। लोकसभा चुनाव के तहत ब्यावर विधानसभा क्षेत्र में 284 मतदान केंद्र बनाए है, इनमें 2 लाख 47 हजार 855 मतदाता है, जिसमें विभिन्न प्रकोष्ठों चुनाव सामग्री वितरण प्रकोष्ठ, वाहन प्रकोष्ठ, मतपेटियां संग्रहण प्रकोष्ठ सहित विभिन्न प्रकोष्ठ गठित है। जिनमें जवाजा ब्लॉक के 300 से अधिक शिक्षक चुनाव कार्य में लगे हुए है,ऐसे में प्रवेशोत्सव कहीं औपचारिक बन कर न रह जाए।
जवाजा ब्लॉक सहित पूरे जिले में कई विद्यालय एकल शिक्षक वाले हैं। उनके सामने भी कई परेशानियां है। मसलन उन्हें ही परीक्षा परिणाम व वार्षिक रिपोर्ट तैयार करनी है। ऐसे में उनके पास दर्जनों कार्य है। इन सब कार्यो के बीच प्रवेशोत्सव के लिए समय निकाल पाना मुश्किल भरा है।
अिधकतर चुनाव ड्यूटी पर
गौरतलब है कि ब्लॉक में अधिकतर शिक्षकों की लोकसभा चुनाव में ड्यूटी लगी हुई है। इसके अलावा अन्य शिक्षक जिन्हें चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाया गया है। उनके पास भी परीक्षा परिणाम व अन्य कार्यों का भार है।
केवल दो दिन ही व्यस्त रहेंगे शिक्षक
शिक्षकों को यह काम करने होंगे प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में
प्रवेशोत्सव के तहत प्रथम चरण 26 अप्रैल से 9 मई तक चलेगा। 13 दिवसीय चरण में स्वयं प्रवेश लेने वाले बच्चों का प्रवेश कराने से लेकर, साधारध सभा, शिक्षक अभिभावक परिषद की संयुक्त बैठक, प्रार्थना सभा में बच्चों का स्वागत-सत्कार, विद्यालय परिसर की साज-सज्जा, पौधरोपण, घर-घर सम्पर्क, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों व बच्चों के साथ रैली, माेहल्ला बैठक, स्थानीय प्रतिनिधि, सरपंच, वार्डपंच का संबोधन कराना, बाल सभा, खेलकूद प्रतियोगिताएं, बाल मेलों का आयोजन, प्रभात फेरी, पुस्तक प्रदर्शनी आदि का आयोजन कर प्रवेशोत्सव के तहत अधिक से अधिक नवप्रवेशी बच्चों का नामांकन करना आदि कार्य कराने प्रस्तावित है, लेकिन यह तभी संभव होगा,जब विभाग के पास इन दिनों पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध हो।