बरसाने की लट्ठमार होली हो या फिर ब्यावर की कोड़ामार होली। परंपरा के ये दो रूप ऐसे है जो लोगों को अपनी ओर खींचते हैं। शुक्रवार को शहर में जीनगर समाज की ऐतिहासिक कोड़ामार होली मुख्य पाली बाजार में उत्साह और उमंग के साथ खेली गई। इसमें विभिन्न रंगों से भरे कड़ाव से रंग डालते देवरों से बचने के लिए भाभियों ने उन कोड़े बरसाए।
कोड़ामार होली के आयोजन से पूर्व समाज सदस्यों द्वारा शुक्रवार दोपहर 2.30 बजे चांगगेट स्थित चारभुजा नाथ मंदिर से ठाकुरजी की शोभायात्रा निकाली गई। इसके बाद समाज के पदाधिकारियों द्वारा ठाकुरजी को मौके पर रखे 9 कड़ाव में स्नान कराया गया। ठाकुरजी के होली खेलने के बाद परंपरानुसार भाभी और देवरों ने कोड़ामार होली खेली। इस अवसर पर समाज अध्यक्ष गणेश गोपाल सिसोदिया, कोषाध्यक्ष जसवंत सिसोदिया, महामंत्री भगवान दास छपेरा, मोतीलाल सांखला, सोहनलाल छपेरा, उदयचंद सिसोदिया सहित अन्य पदाधिकारियों ने कोड़ामार होली की शुरूआत की। होली खेलने वालों में सुरेश कुमार, तिलोकचंद सिसोदिया, जसवंत, मिट्ठूलाल, इंद्रचंद छपेरा, सूरजमल, सुरेश सिसोदिया, पवन आदि मौजूद थे।