नगर परिषद प्रशासन द्वारा पूर्व में की गई कर्मचारियों की पदोन्नति मामले में डीएलबी और डीडीआर के आदेश की पालना नहीं होने पर पार्षदों ने सभापति बबीता चौहान से मुलाकात कर इन आदेशों की पालना सुनिश्चित कराने की मांग की। ज्ञानदेव झंवर व अन्य पार्षदों ने आरोप लगाया कि तत्कालीन आयुक्त सुखराम खोखर ने कर्मचारियों की पदोन्नति नियमविरूद्ध की थी क्योंकि उसमें सभापति की अनुशंसा नहीं थी। ऐसे में इसका विरोध करते हुए पूर्व सभापति कमला दगदी ने भी स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक को पत्र लिखकर अवगत कराया था। पार्षदों के मुताबिक उस मामले में डीडीआर ने जांच कर अपनी रिपोर्ट डीएलबी को सौंप दी थी। इस पर स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक पवन अरोड़ा ने इस प्रक्रिया को निरस्त करने के आदेश दिए थे। इसी प्रकार परिषद प्रशासन जिन सफाईकर्मियों को पदोन्नत कर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बनाया गया। उस मामले में शिकायत के बाद जांच करते हुए डीडीआर अजमेर ने इसे गलत मानते हुए इस प्रक्रिया को निरस्त करने के आदेश दिए थे। पार्षदों ने बताया कि डीएलबी जयपुर और डीडीआर अजमेर के आदेश नगर परिषद में पहुंचे भी मगर उन पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस अवसर पर पार्षद ज्ञानदेव झंवर, मोहनसिंह चौहान, सूबेदार मोहनलाल, लीलादेवी प्रजापत, अर्चना जैन, जाहिदा बानो सहित अन्य पार्षद उपस्थित थे।
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