देर से ही सही आखिरकार 30 साल बाद ब्यावर रोडवेज बस स्टैंड के कायाकल्प की राह खुल गई। बस स्टैंड के दाे मैनगेट व अन्य सुविधाअांे के लिए राेडवेज काे भामाशाह मिल गया। चेन्नई में रह रहे बावरा के मूल निवासी व्यवसायी सुनील कुमार खेतपालिया ने अपने माता-पिता के जीवित महामहोत्सव के उपलक्ष्य में यह विकास कार्य कराने का निर्णय लिया। खेतपालिया करीब 40 लाख की लागत से यहां बस स्टैंड पर दाे मुख्यद्वार, प्लेटफार्म, टिनशेड, सीसीटीवी कैमरे अादि सुविधाएं मुहैया कराएंगे। गुरुवार काे विकास कार्य का भूमिपूजन किया गया।
भामाशाह सुनील कुमार खेतपालिया ने बताया कि हाल ही में उनके पिताजी पारसमल खेतपालिया और माताजी पिस्ताकंवर के जीवित महामहोत्सव का आयोजन किया गया। एक से तीन जून तक आयोजित महोत्सव में ब्यावर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए। इसमें एक जून को महोत्सव की शुरुआत पर सामूहिक सामायिक एवं मातृ-पितृ वंदना, 2 जून को शोभायात्रा एवं शाम को कवि सम्मेलन और 3 जून को जन्म स्थली बावरा में समारोह आयोजित हुआ। महोत्सव की इसी कड़ी में उन्होंने शहर विकास में भी अपना योगदान देने का निर्णय लिया। उनकी इस घोषणा पर महावीर इंटरनेशनल के प्रधान कार्यकारिणी सदस्य सेवानिवृत सीएमएचओ डॉ. बीसी सोढ़ी ने उनसे मुलाकात कर ब्यावर बस स्टैंड के कायाकल्प में सहयोग करने का आग्रह किया। इस पर सुनील कुमार खेतपालिया ने महोत्सव की इसी कड़ी में ब्यावर बस स्टैंड के विकास में सहयोग करने पर सहमति जताई।
ब्यावर बस स्टैंड का मुख्यद्वार 32 फीट चौड़ा और 17 फीट ऊंचा बनेगा। आकर्षक डिजाइन के साथ इसकी मजबूती का भी ध्यान रखा जाएगा। इसी प्रकार इसी साइज और डिजाइन का दूसरा गेट भी तैयार होगा। इसके लिए करीब 20 लाख रुपए लागत आएगी। भूमि पूजन कार्यक्रम अवसर पर भामाशाह पारसमल खेतपालिया, प्रवीण खेतपलिया, सुनील खेतपालिया, सुष्मित खेतपालिया, सिटी थाना प्रभारी रमेंद्र सिंह हाडा, महावीर इंटरनेशनल अध्यक्ष अमित पारीक, सचिव सुशील छाजेड़, राजकुमार पहाडिय़ा, ज्ञानचंद कोठारी, सुनील सकलेचा, डॉ. नरेंद्र पारख, दिनेश कटारिया, तरुण दाधीच, मनीष रांका, राजेंद्र ओस्तवाल, मनीष रांका, मुख्य प्रबंधक रघुराज सिंह राजावत अादि उपस्थित थे।
मुख्य आगार प्रबंधक रघुराज सिंह राजावत ने बस स्टैंड पर आने वाले यात्रियों के लिए अन्य सुविधाओं की दरकार बताते हुए भामाशाह से आग्रह किया। इस पर मौके पर ही सुनील कुमार खेतपालिया ने टिनशेड, कैमरे, कुर्सियां आदि के लिए भी संभावित 20 लाख रुपए खर्च मानते हुए इसे वहन करने पर सहमति जताई।