बढ़ते प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य को लेकर परिवहन मुख्यालय की ओर से शुरू की गई राजस्थान मोटरयान प्रदूषण जांच केन्द्र योजना वाहनों की प्रदूषण जांच करने वाले चंद मुनाफे के लिए योजना को फलीभूत नहीं होने दे रहे है। इसी का नतीजा है कि हाइवे पर प्रदूषण जांच के लिए खड़ी होने वाली मोबाइल वैन बिना वाहनों की जांच किए ही पीयूसी (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट बना कर दे रहे हैं। जिसकी पोल शहर के जिला परिवहन अधिकारी ने बोगस ग्राहक भेज कर खोली।
जिला परिवहन अधिकारी देवीचंद ढाका ने बताया कि हमें शिकायत मिली थी कि पीपलाज टोल नाका के निकट हाइवे पर वाहनों की प्रदूषण जांच के लिए खड़ी मोबाइल वैन वाहनों की जांच किए बगैर ही वाहन मालिकों को फर्जी पीयूसी (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट जारी कर रहा है। जिसकी जांच के लिए कार्यालय से कर्मचारी को बोगस ग्राहक बना कर भेजा गया। जहां मोबाइल वैन मालिक मालूराम ने ग्राहक से वाहन की जानकारी लेकर 200 रुपए में प्रमाण पत्र बना कर दे दिया। इसी आधार पर वैन मालिक पर कार्रवाई करते हुए वाहन को जब्त कर लिया गया।
परिवहन अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच में यह भी सामने आया कि उक्त वाहन किशनगढ़ का जो उसी क्षेत्र में रहकर वाहनों की जांच कर सकता है। लेकिन मुख्यालय के नियमों का उल्लंघन करते हुए उक्त वाहन मालिक अपने कार्यक्षेत्र से बाहर आकर वाहनों की प्रदूषण जांच करने का कार्य कर रहा था। ऐसे में वाहन को जब्त करने के साथ ही मामले की जानकारी किशनगढ़ के जिला परिवहन अधिकारी को देते हुए उक्त वाहन मालिक को मिले प्रदूषण जांच का लाइसेंस निरस्त करने की अनुशंषा की गई है। इसके अलावा यह भी जानकारी ली जा रही है कि अब तक कितने फर्जी प्रमाण पत्र वाहन मालिक की ओर से जारी किए गए हैं।