कॉलेज अधिकारियांे ने बताया कि इससे विद्युत खर्च पर होने वाली राशि में करीब 80 प्रतिशत की बचत होगी। इसके लिए कॉलेज में 25 किलो केवी के इस सिस्टम को लगाने पर 25 लाख रुपए खर्च होंगे। कॉलेज व्याख्याताओं ने बताया कॉलेज परिसर सहित परिसर में रोशनी के लिए स्ट्रीट लाइटें लगाई हुई है। विद्युत निगम से मिलने वाली इस बिजली का बिल प्रतिमाह 40 से 50 प्रति माह का बिल आता है।
कॉलेज प्रबंधन के अधिकारियों ने बताया कि कॉलेज का बिजली खर्च प्रति माह 40 से 50 हजार तक बिल चुकाना पड़ता है। विद्युत पर खर्च होने वाली बड़ी राशि को देखकर कॉलेज प्रशासन ने स्वंय के स्तर पर सौर ऊर्जा सिस्टम लगाने का फैसला किया है। इन सिस्टम में बैट्रियां नहीं लगेंगी। नेट मीटरिंग सिस्टम इस्तेमाल होगा। जो कॉलेज की छत पर लगेगा। इसके लिए कॉलेज प्राचार्य पुखराज देपाल ने सौर ऊर्जा सिस्टम लगाने के लिए निदेशालय को पत्र भेजा है।
साैर ऊर्जा से मिलने वाली बिजली सीधे जीएसएस में जाएगी। उत्पादित बिजली की गणना के लिए मीटर लगाया जाएगा। कॉलेज परिसर में खर्च विद्युत में से उत्पादित बिजली वाली राशि को घटाकर निगम बिजली का बिल भेजेगा। व्याख्याताओं ने बताया कि इससे बिजली का बिल करीब 80 प्रतिशत कम हो जाएगा। सौर ऊर्जा की प्लेटें लगाने के लिए शीघ्र जगह चिन्हित की जाएगी।
previous post