ब्यावर से दो स्टेट हाइवे जुड़े हुए है। स्टेट हाइवे-39 एवं स्टेट हाइवे-29 ए यह दोनों ही हाइवे जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है। हमारे स्टेट हाइवे होने के बावजूद इनकी हालत ग्रामीण सड़कों से भी ज्यादा खस्ताहाल है। टूटी और क्षतिग्रस्त सड़कों पर कई जगह सालों से नवीनीकरण कार्य नहीं किया गया। लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग का इन सड़कों की बेकद्री पर ध्यान नहीं है।ब्यावर और भीलवाड़ा सिक्सलेन हाइवे दो स्टेट हाइवे स्टेट हाइवे-39 (ब्यावर-शिवपुरा घाटा वाया बिजयनगर) और स्टेट हाइवे-26 ए : (ब्यावर-मसूदा घाटा वाया बांदनवाड़ा) से जुड़ा है। कहने को तो यह स्टेट हाइवे है। लेकिन इनकी कई जगह की स्थिति ग्रामीण सड़कों से भी बदतर है। मसूदा विधानसभा क्षेत्र के यह दोनों हाइवे इन दिनों जगह जगह से क्षतिग्रस्त और उधड़े हुए है। सड़कों पर कंकरिट फैली हुई है। इससे वाहन तो दूर की बात पैदल चलना भी र्दुभर है। इनकी देखरेख और मरम्मत इत्यादि का जिम्मा सार्वजनिक निर्माण विभाग का है। लेकिन जिम्मेदार कारिंदों को इनकी बदहाली की कोई फ्रिक नहीं है।स्टेट हाइवे-39 : ब्यावर-शिवपुरा घाटा वाया बिजयनगर के बीच के हाइवे की लम्बाई 43 किलोमीटर और चौड़ाई 7 मीटर है। इस मार्ग पर शिवपुरा घाटा काफी घुमावदार है और इसके कारण हादसों की आशंका बनी रहती है। रात में तो पूरे मार्ग पर रोड लाइटें नहीं है और अंधेरा पसरा रहता है। इसी मार्ग पर प्रसिद्ध बाड़ी माता मंदिर भी है और यहां पर हर रविवार और खासकर नवरात्रों में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रहती है।बदहाल एरिया : 43 किलोमीटर के इस हाइवे की जालिया द्वितीय गांव से बिजयनगर तक करीब 11 किलोमीटर सड़क कई जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। अन्य जगहों से भी सड़क खराब है। वर्ष 2017-18 में ब्यावर से जालिया द्वितीय गां तक 9 करोड़ की लागत से करीब 25 किलोमीटर सड़क का नवीनीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य किया गया। इसके बाद इस सड़क का मरम्मत या अन्य कोई कार्य नहीं किया गया। किनारे बसे गांव : ब्यावर सीमा से सटे इस हाइवे के दोनों तरफ कई गंाव बसे हुए है। मसूदा पंचायत समिति के अन्तर्गत इन गांवों में बायला, रावला का बाडिय़ा, शिवपुरा, रामगढ़, हनुथिया, जालिया द्वितीय एवं विजयनगर समेत अन्य कई छोटे गांव भी है।स्टेट हाइवे-26 ए : ब्यावर-मसूदा घाटा वाया बांदनवाड़ा मार्ग को स्टेट हाइवे-26 ए के नाम से जाना जाता है। यह भी 43 किलोमीटर लम्बा और 7 मीटर चौड़ा स्टेट हाइवे है। इसकी सड़कों का भी सालों से नवीनीकरण या मरम्मत इत्यादि कार्य नहीं किए गए और आम आदमी का पैदल चलना दुर्भर है। हाइव पर रात को रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं है। रात में अंधेरे के कारण नाममात्र के ही वाहन गुजरते है।बदहाल एरिया : 43 किलोमीटर के इस हाइवे पर मसूदा घाटे से खीमपुरा चौराहा और झीपिया एवं बांदनवाड़ा के बीच सड़क भी क्षतिग्रस्त है और गहरे गड्ढ़े है। करीब 6 किलोमीटर की सड़क पूरी तरह से खराब और टूटी हुई है। जबकि अन्य कई जगह भी सड़क उधड़ी हुई है। वर्ष 2009-10 में इस मार्ग का सुदृढ़ीकरण कार्य किया गया। लेकिन इसके बाद किसी प्रकार का मरम्मत कार्य नहीं हुआ।किनारे बसे गांव : ब्यावर और बांदनवाड़ा के इस मार्ग के दोनों तरफ कई छोटे बड़े गांव बसेें है और इन गांवों के लोगों का इस मार्ग से आवागमन रहता है। इस मार्ग पर अंधेरी देवरी, खीमपुरा, धोला दाता, मसूदा, झिपिया एवं अन्य छोटे गांव बसें है। यह मार्ग पर मसूदा विधानसभा क्षेत्र और पंचायत समिति सीमा क्षेत्र में है।
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