पुलिस व माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा से इस सत्र में कक्षा नवीं और 10वीं के छात्रों का चयन पुलिस कैडेट योजना में किया जाएगा। इसके लिए चयनित विद्यार्थियों को कानून का सम्मान, अनुशासन के साथ परिवार, समाज और पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाया जाएगा। एनसीसी और स्काउट गाइड की तर्ज पर यह योजना इस जुलाई से शुरू होने जा रही है। नेशनल कैडेट कोर एनसीसी व स्काउट-गाइड की तरह स्कूलों में स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना वर्तमान शैक्षणिक सत्र में लागू की जाएगी।
केरल की तर्ज पर प्रदेश में पहली बार यह योजना लागू की जा रही है। इसमें छात्रों को पुलिस कैडेट से जोड़ा जाएगा स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना में कक्षा नवीं और दसवीं के छात्रों को जोड़ा जाएगा। इसमें नवीं के छात्र जूनियर कैडेट और दसवीं के छात्र सीनियर कैडेट रहेंगे। इस सत्र से पहली बार यह योजना लागू की जानी है, इसके तहत कुछ चयनित स्कूलों में नवीं कक्षा के 22-22 छात्रों का चयन कर स्टूडेंट को पुलिस कैडेट से जोड़ा जाएगा। इसमें पुलिस और शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। शिक्षा विभाग व पुलिस अधिकारियों को इंटिग्रेटेड ट्रेनिंग दी जाएगी। 22 जुलाई तक संभाग स्तर पर एक दिवसीय ट्रेनिंग देकर चयनित स्टूडेंट को पुलिस की नई पहचान दी जाएगी। क्राइम कंट्रोल और कानून व्यवस्था+ बनाए रखने में स्कूली विद्यार्थियों की भागीदारी के लिए बनाई गई गृहमंत्रालय की स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना काफी पुरानी है लेकिन अभी तक फाइलों में अटकी थी। लेकिन प्रदेश के नए डीजीपी भूपेंद्र यादव ने जाॅइन करते ही इस योजना को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया।
योजना में स्कूल स्तर पर प्राचार्य अध्यक्ष, पुलिस सर्किल इंचार्ज नियोजक, सामुदायिक पुलिस अधिकारी शिक्षक रहेगा। साथ ही स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्य, नगर परिषद या ग्राम पंचायत के सदस्य, कार्यकारिणी में शामिल रहेंगे। स्कूल में कार्यरत एक शिक्षक को स्टूडेंट पुलिस कैडेट की ट्रेनिंग दी जाएगी, जो स्कूलों में बच्चों को प्रशिक्षण देंगे।
इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह अपने अपने सैक्टर में तीन तीन स्कूलों का नाम मनोनीत कर सूचना देंगे। जिस पर इन चयनित स्कूलों में स्टूडेंट पुलिस कैडेट को प्रशिक्षण दिया जाएगा। ब्यावर सर्किल के अंतर्गत तीन स्कूलों का चयन किया जाएगा। एक स्कूल से 10 विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा।