तीन दिन से ब्यावर आगार की 97 बसों के चक्के जाम
राजस्थान रोडवेज में नियमों से अधिक अनुबंधित बसें लगाने, कर्मचारियों को समय पर वेतन, ग्रेच्युटी सहित एरियर का लाभ नहीं मिलने सहित अन्य मांगे पूरी नहीं होने से खफा रोडवेज कर्मचारियों की ओर से तीन दिन से की जा रही अनिश्चितकालीन बसों के चक्के जाम से आगार को अब तक 37 लाख रुपए के राजस्व का नुकसान हो चुका है।
वहीं शहर में चल रहे तेजा मेला व बुधवार से शुरू होने वाले बिराठीया मेले में चलने वाली अतिरिक्त बसों से प्राप्त होने वाली आय को जोड़ा जाए तो यह आंकडा और अधिक हो जाता है। यूनियन अध्यक्ष ओमप्रकाश जांगिड़ ने बताया कि हड़ताल व विरोध प्रदर्शन करने वालों में विजयसिंह, प्रतापसिंह, बृजसिंह, सुरेश पारीक, बशीर अहमद, हेलाराम, नारायण सिंह, बाबूलाल, प्रवीण कुमार, विनोद कुमार, ममता, जुबेदा, मुन्नी, सुधा, भंवर चौधरी, कन्हैयालाल, सागरमल, इकबाल, चन्द्रशेखर, धनश्याम उपाध्याय, संपतराज जांगिड, अमरचंद जागिंड, जगदीश सेन, पुखराज सेन आदि कर्मचारी शामिल थे।
डेली अपडाउन करने वाले परेशान
राजस्थान राज्य पथ परिवहन विभाग के कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर मंगलवार से रोडवेज बसों के अनिश्चितकालीन चक्के जाम होने से प्रदेश के किसी भी आगार से रोडवेज बसों का संचालन नहीं होने के कारण आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
निजी टैक्सी संचालकों की चांदी
रोडवेज बसों के चक्के जाम होने से निजी टैक्सी संचालकों की चांदी हो गई। ब्यावर आगार के बाहर से ही निजी टैक्सी संचालक लोगों को बैठाते नजर आए। ऐसे में प्राइवेट टैक्सी वालों ने भी ब्यावर से अजमेर तक का किराया 90 से 100 रुपए तक वसूला। वहीं आस पास के गांवों तक जाने वाले यात्रियों से टैक्सी संचालकों ने अधिक दाम वसूल किए।
162 कर्मचारी हड़ताल में शामिल
ब्यावर आगार के मुख्य प्रबंधक रघुराज सिंह ने बताया कि हड़ताल से ब्यावर डिपो को 25 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है। इसके अलावा मंगलवार से शुरू हुए तेजा मेला में आगार में भीलवाड़ा, जोधपुर, पाली आदि आगार से बसों को लाकर अतिरिक्त बसों का संचालन किया जाता था। जहां आगार को प्रतिदिन 3 लाख रुपए की आय प्राप्त होती थी। आगार में कुल 258 कर्मचारी कार्यरत है। इसमें से 162 कर्मचारी सोमवार से हड़ताल में शामिल है तथा 96 कर्मचारी कार्य कर रहे है। इ धर राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन भारतीय मजदूर संघ एवं भारतीय परिवहन मजदूर महासंघ से जुडे कर्मचारियों ने ड्यूटी पर पहुंचकर कार्य संभाला कर हड़ताल का विरोध जताया।
ब्यावर आगार में चल रही कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान सूना पड़ा बस स्टैंड परिसर