एक मनोनीत पार्षद ने दूसरे पार्षद को सौंपा इस्तीफा!
प्रदेश की पहली नगर परिषद होने का गौरव रखने वाली ब्यावर नगर परिषद ही ऐसी निकाय होगी जहां एक मनोनीत पार्षद ने दूसरे मनोनीत पार्षद को अपना इस्तीफा सौंपा हो। हालांकि जिसे इस्तीफा सौंपा वह भाजपा मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। इधर इस्तीफा देने वाले पार्षद का कहना है कि जब उन्हें मंडल अध्यक्ष की अनुशंसा पर ही पार्षद पद पर मनोनीत किया गया तो वे किसी और को इस्तीफा क्यों दें?
20 अक्टूबर 2015 को हुआ था मनोनयन : स्वायत्त शासन विभाग ने 20 अक्टूबर 2015 को मनोनीत पार्षदों की सूची जारी की थी। इसमें ब्यावर नगर परिषद में फतेहपुरिया दोयम निवासी हरजी सिंह पुत्र बिरदासिंह, प्रतापनगर निवासी जयकिशन बल्दुआ पुत्र जंवरीलाल, भजन नगर निवासी सुभाष राठी पुत्र महासिंह, किशनगंज निवासी ज्योति आर्य प|ी प्रकाश आर्य और साकेत नगर निवासी पारसमल पुत्र नाथूलाल रैगर को मनोनीत किया। इसके बाद पारसमल तंवर के स्थान पर कुलदीप बोहरा को पार्षद पद पर मनोनीत किया गया।
मनोनयन के बाद 6 नवंबर 2015 को विधायक और तत्कालीन सभापति की मौजूदगी में हुआ था मनोनीत पार्षदों का स्वागत।
मंडल अध्यक्ष बनने के बाद पार्षद पद पर मनोनयन
मालूम हो कि 28 अक्टूबर 2015 को ही शहर मंडल चुनाव प्रभारी देवेंद्र सिंह शेखावत की ओर से विधायक शंकर सिंह रावत व पार्टी के अन्य पदाधिकारियों और पार्षदों की मौजूदगी में मंडल अध्यक्ष पद पर जयकिशन बल्दुआ के निर्वाचन की घोषणा की गई थी। उसके बाद बल्दुआ ने मंंडल अध्यक्ष की हैसियत से मनोनीत पार्षदों की सूची में अपना नाम भी शामिल किया था। इसी आधार पर स्वायत्त शासन विभाग की ओर अन्य चार पार्षदों के साथ जयकिशन बल्दुआ को भी पार्षद पद पर मनोनीत किया गया। इधर परिषद के एक आला अधिकारी से जब इस संबंध में जानकारी चाही तो उन्होंने अनभिज्ञता जताई। उनका कहना था कि पार्षद पद पर मनोनयन तो स्वायत्त शासन विभाग की ओर होता है मगर ऐसे पार्षद इस्तीफा किसे सौंपे इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है।