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हाईटेक हुई शहर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, कई योजनाओं की जानकारी कार्यकर्ताओं को देनी होगी ऑनलाइन

हाईटेक हुई शहर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, कई योजनाओं की जानकारी कार्यकर्ताओं को देनी होगी ऑनलाइन

आंगनबाड़ी केंद्र अब हाइटेक हाेने जा रहे हैं। केन्द्र रजिस्टर से नहीं बल्कि स्मार्टफोन से चलेेंगे। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट मोबाइल फोन वितरित किए गए हैं। इसका रिचार्ज विभाग की ओर से करवाया जाएगा।

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि समेकित बाल विकास सेवाओं के अंतर्गत आईसीटी-आरटीएम योजना के तहत राष्ट्रीय पोषण मिशन की गतिविधियों को सफल बनाने के मोबाइल पर आेपन डाटा किट एप डाउनलोड रहेगा। इससे कार्यकर्ता आंगनबाड़ी केन्द्रों की समूची गतिविधियों को भेज सकेंगे। इस एप की मदद से आंगनबाड़ी केंद्रों की वास्तविकता का पता भी लग सकेगा। इस एप को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य आंगनबाड़ी केन्द्रों से मिल रही लगातार शिकायतों व काम में बरती जा रही लापरवाही को दूर करने के उद्देश्य से मोबाइल दिया गया है। इन तमाम शिकायतों के आधार पर सरकार ने यह एप शुरू किया है। इससे आंगनबाड़ी केन्द्राें पर होने वाले कार्यों पर नजर रखी जा सकेगी।

एप को महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक ने लॉन्च किया है। इससे केन्द्र पर कार्यरत कार्यकर्ताओं की ओर से वर्तमान में किए जा रहे 11 रजिस्ट्रर को संभालने से भी निजात मिलेगी। अधिकारियों ने बताया कि विभाग की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं के केन्द्र पर कार्यकर्ताओं को अलग-अलग योजनाओं के लिए 11 रजिस्‍टर दे रखे हैं। इसमें कार्यकर्ताओं को प्रतिदिन की जानकारी अंकित करने के साथ ही अधिकारियों को देनी पड़ती है, लेकिन मुख्यालय की ओर से स्मार्ट फोन देने के बाद रजिस्टर के बजाए मोबाइल में योजनाओं की जानकारी अंकित करनी पड़ेगी, जो सीधे अधिकारी के मोबाइल पर जाएगी। इससे कार्यकर्ताओं से अतिरिक्त कार्य भार से राहत मिलेगी।

स्मार्टफोन पर दिखेगी अांगनबाड़ी केंद्र की हर गतिविधि

कार्यकर्ता, अधिकारियों के नाम व मोबाइल नम्बर डाटा एप में रहेंगे फीड

सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत कार्यकर्ता, अधिकारियों के नाम व मोबाइल नम्बर की जानकारी का डाटा एप में फीड रहेगा। मुख्यालय में बैठे अधिकारी कार्यालय में बैठे-बैठे एप की मदद से कार्यकर्ता के कार्य पर निगरानी रख सकेंगे। अधिकारियों ने बताया कि शहर में 117 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हो रही है। इसमें 107 बड़ी व 10 मध्यम आंगनबाड़ी केन्द्र शामिल हैं। इनमें 117 कार्यकर्ता शामिल हैं। उन्हें यह स्मार्ट फोन दिए गए हैं। ब्यावर शहर के अतिरिक्त, किशनगढ़ शहर, भिनाय व अरांई में संचालित केन्द्रों की कार्यकर्ताओं को भी स्मार्ट फोन वितर

अब हस्ताक्षर भी मौके पर : अधिकारियों ने बताया कि अोटीके फॉर्मेट में हस्ताक्षर भी मौके पर ही होंगे। केन्द्र के खुलने के समय व बंद होने के बाद हस्ताक्षर एप से ही होंगे। इसके साथ एप में मौजूद फॉर्मेट में पूरी जानकारी अंकित करनी होगी। इसमें विभाग की पूरी गतिविधियाें सहित बच्चों को दिया जाने वाला पोषाहार, तीन से 6 वर्ष के बच्चों की जानकारी शामिल की जाएगी।

विभाग की ओर से होगा नेट का रिचार्ज : विभागीय कार्यों के अपडेट को लेकर मोबाइल में नेट रिचार्ज करने की जिम्मेदारी विभाग की रहेगी। आधिकारियों ने बताया कि फाइनेंस डिपार्टमेंट से इसे लेकर निदेशक ने स्वीकृति भी जारी कर दी है। इसमें 500 डिप्टी डायरेक्टर, 400 सीडीपीओ व 300 रुपए सुपरवाइजर को देने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में अब नेट रिचार्ज का बहाना भी नहीं चलेगा।

लोकेशन की भी देनी होंगी जानकारी : अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में केन्द्रों का निरीक्षण करने वाले अधिकारी कही भी खड़े होकर अपनी विजिट दिखा देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पहले सुपरवाइजर, सीडीपीओ को लेकर निगरानी हुआ करती थी। अब कार्यकर्ताओं के लिए भी एप के जरिए मॉनिटरिंग होगी।

कार्यकर्ताओंं को वितरित हुए मोबाइल : विभाग के आदेश के बाद साकेत नगर में सुपरवाइजर विमलेश डेटानी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ को एंड्रायड मोबाइल फोन का वितरण किया गया। डेटानी ने बताया नई व्यवस्था लागू होने के पूर्व तकनीशियन द्वारा कार्यकर्ता को चरणबद्ध तरीके से एंड्रायड मोबाइल फोन को चलाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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