तेरह स्कूलों में शुरू हाेनी थी व्यावसायिक शिक्षा, पूरे सत्र में एक में भी नहीं हो पाई
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को शिक्षा देने के साथ ही व्यावसायिक शिक्षा देने की योजना महज कागजी साबित हो रही है। जवाजा ब्लॉक के 13 सरकारी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा इस शिक्षा सत्र से शुरू की जानी थी लेकिन अब तक एक भी चयनित स्कूल में व्यावसायिक शिक्षा शुरू नहीं हो सकी है।
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में जवाजा ब्लॉक में महज 4 सरकारी स्कूलों में ही व्यावसायिक शिक्षा संचालित हो रही है। इसमें शहर की दो स्कूल राजकीय जैन गुरुकुल उच्च माध्यमिक विद्यालय व राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय छावनी तथा ग्रामीण क्षेत्र की राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जालिया प्रथम व राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोटडा में ही व्यवसायिक शिक्षा संचालित हो रही है। जिसे देखते हुए विभाग ने सत्र 2018-19 के लिए राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा योजना का क्रियान्वयन करने के लिए जवाजा ब्लॉक के 13 विद्यालयों सहित पूरे राज्य में कुल 1 हजार विद्यालयों काे चयनित किया था। जिससे सरकारी स्कूलों में नामांकन वृद्धि करने के साथ ही सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा में भी दक्ष किया जा सके। इसके लिए जवाजा ब्लॉक की कुल 13 स्कूलों में 11 स्कूल ग्रामीण क्षेत्र की थीं। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भी शिक्षा के साथ ही व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त हो सके। जिससे स्कूल पूरा होने के साथ विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त हो सके। वहीं दूसरी ओर रमसा के अधिकारियों ने मुख्यालय की ओर से अब तक स्वीकृति नहीं मिलने के कारण व्यावसायिक शिक्षा शुरू नहीं होने की बात कहीं।
चयनित स्कूलों से यह मांगी थी जानकारी : विभाग की ओर से व्यावसायिक शिक्षा योजना के तहत चयनित स्कूलों से 10 माह पूर्व ही जानकारी मांगी ली गई थी। इसमें विभाग ने चयनित स्कूलों से शाला दर्पण के अनुसार कक्षा नवीं में विद्यार्थियों की संख्या का सत्यापन करना, विद्यालय में अतिरिक्त कक्षा कक्षों की उपलब्धता व विद्यालय में संचालित संकाय आदि की जानकारी मांगी थी। इसमें विभाग ने स्पष्ट आदेश दिए थे कि स्कूल के आसपास उपलब्ध उद्योगों के आधार पर ही व्यावसायिक शिक्षा का चयन करें। जिसे चयनित स्कूलों के संस्था प्रधानों ने समय पर सूचना उपलब्ध भी करवा दी गई थी। चयनित स्कूलों के संस्था प्रधानों का कहना है कि अब आचार संहिता लगने के बाद इस सत्र से व्यावसायिक शिक्षा शुरू होना मुश्किल लग रहा है। इससे कक्षा नवीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा से वंचित रहना पड़ेगा।
यह विषय होने थे संचालित : अधिकारियों ने बताया कि विभाग ने प्रत्येक जिले के मुताबिक व्यावसायिक शिक्षा का चयन किया था। जिससे उन जिले के विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त हो सके। इसके लिए अजमेर जिले के चयनित स्कूलों के लिए फूड प्रोसेसिंग, होम फरनिशिंग, टूरिज्म, बिल्ड़िंग निर्माण, पैकेजिंग, बैकिंग इंश्योरेंस व फाइनेंस, मशीनरी, इलेक्ट्रिकल्स एण्ड मैन्युफेक्चरिंग विषय संचालित किए जाने थे। इनमें से विद्यालयों के संस्था प्रधानों को 2 व्यावसायिक विषय संचालित करने थे। विभाग ने इसके अतिरिक्त विद्यालय ब्यूटी एण्ड वेलनेस, इलेक्ट्रिक एंड इलेक्ट्रोनिक्स, हेल्थ केयर, आटी व आइटीइएस, मीडिया एण्ड एंटरटेनमेंट, माइक्रो इरीगेशन व फिजिकल एज्युकेशन एण्ड स्पोर्टस विषय भी संचालित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की थी।
इन स्कूलों का हुआ था चयन…
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय ब्यावर खास, राजकीय पटेल उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय टॉडगढ, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अशोक नगर, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नून्द्री मेन्द्रातान, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मालपुरा, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नरबदखेडा, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय देलवाडा, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सुहावा, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बलाढ, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रूपनगर, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दुर्गावास व राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय काबरा का चयन हुआ था।
जवाजा ब्लॉक में शिक्षा विभाग की ओर से 10 माह पूर्व जारी भी हो चुकी थी सूची, वर्तमान में ब्लॉक के महज 4 स्कूलों में संचालित हाे रही है व्यवसायिक शिक्षा, 11 ग्रामीण क्षेत्र की थी स्कूले
जवाजा ब्लॉक के 13 स्कूल जिन्हे व्यवासायिक शिक्षा के लिए चयनित किया था, लेकिन अब तक एक भी स्कूल में शुरू नहीं हो सकी।