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डीएफसी ट्रेक के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन को छह मोनो पोल लगाकर करेंगे ऊंचा

रेलवे की ओर से दिल्ली से मुंबई तक डीएफसी (वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रंट कॉरिडोर) का कार्य तेजी से चल रहा है। डीएफसी कार्य के तहत ट्रेक बिछाए जाने का कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही निगम की ओर से भी डीएफसी ट्रेक के ऊपर से गुजर रही हाइटेंशन विद्युत लाइनों को ऊंचा करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। 

विद्युत प्रसारण निगम की ओर से अजमेर रोड स्थित रिको कॉलोनी के पीछे स्थित डीएफसी रेलवे ट्रेक के ऊपर से गुजर रही तीन हाईटेंशन लाइनों को ऊंचा करने का कार्य शुुरु कर दिया गया है। डिस्कॉम की ओर से शहर में पहली बार मोनो पोल लगाकर विद्युत लाइनों को ऊंचा किया जाएगा। अब तक निगम की ओर से बड़े-बड़े विद्युत टावर लगाकर हाईटेंशन लाइनों को ऊंचा किया जाता था। परंतु अब शहर में पहली बार डिस्कॉम की ओर से लाइनों को ऊंचा करने के लिए मोनो पोल का इस्तेमाल किया जाएगा। लगभग साढ़े पंद्रह करोड़ रुपए की लागत से ट्रेक के ऊपर से गुजर रही विद्युत लाइनों को ऊंचा किया जाएगा। ट्रेक के ऊपर से गुजर रही 220 केवीए ब्यावर-रास-बिलाडा़, 132 केवीए ब्यावर-जैतारण व 132 केवीए ब्यावर- मेड़ता की विद्युत हाईटेंशन लाइन को ऊंचा किया जा रहा है। निगम की ओर से आने वाले एक माह हाइटेंशन लाइन को ऊंचा करने का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। 

45 मीटर ऊंची हो जाएगी हाईटेंशन विद्युत लाइन : विद्युत निगम के अधिकारियों ने बताया कि मोनो पोल लगाए जाने के बाद हाईटेंशन की लाइन की ऊंचाई लगभग 45 मीटर हो जाएगी। ट्रेक पर से डबल डेकर ट्रेन गुजरने के चलते हाईटेंशन लाइन को 45 मीटर ऊंचा किया जा रहा है। विद्युत लाइनों की ऊंचाई 22 मीटर थी। जिसे अब निगम की ओर से 20 मीटर ओर बढ़ाया जा रहा है। 

छह पोल लगेंगे, 50 लाख से एक रोड़ पोल की लागत : हाईटेंशन लाईन को ऊंचा करने के लिए कुल छह पोल लगाए जाएंगे। इन मोनो पोल की लागत विद्युत टावर से ज्यादा होती है। निगम की ओर से लगाए जा रहे पोल की लागत लगभग 50 लाख से एक करोड़ के बीच आई है। हाइटेंशन लाइन को ऊंचा करने के प्रोजेक्ट का खर्चा रेलवे की ओर से वहन किया जा रहा है। 

टावर से कम जगह घेरते हैं मोनो पोल: अधिकारियों ने बताया कि अब तक विद्युत हाईटेंशन लाइन को बड़े-बड़े टावरों पर लगाया जाता था। परंतु यह टावर काफी ज्यादा जगह घेरते थे। इसलिए अब निगम की ओर से अब मोनो पोल के जरिए विद्युत लाइनों को ऊंचा किया जाता है। मोनो पोल महज साढ़े तीन मीटर जगह घेरते हैं। इसके साथ ही मोनो पोल ज्यादा सुरक्षित है। 

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