शहर का ऐतिहासिक परकोटा जमींदोज हो रहा है। कई स्थानों पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है तो कुछ न तो परकोटा तोड़कर उसका व्यावसायिक उपयोग शुरु कर दिया है। यह धरोहर अब धीरे-धीरे सिमटती जा रही है। प्रशासन की अनदे ाी एवं मौन सहमति के चलते परकोटे पर अतिक्रमण करने वालों के होसले बढ़ रहे है। शहर की बसावट के समय सुरक्षा के लिहाज से परकोटे का निर्माण किया गया। इन परकोटा में चार दरवाजे दिए गए। इनमें चांगगेट, अजमेरी गेट, सुरजपोल गेट एवं मेवाड़ी गेट शामिल थे। आजादी से पहले रात्रि को चारों ही दरवाजे बंद हो जाते थे। शहर की सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए गए। इसके सुविधा के लिए ाी बड़े नाले का निर्माण कराया गया। समय के साथ शहर का दायरा बढ़ता गया। कॉलोनियां परकोटे से बाहर आबाद होने लगी। अब शहर अजमेर रोड बाइपास, केसरपुरा बाइपास, सराधना बाइपास, छावनी फाटक बाहर मेडिया तक, देलवाड़ा रोड बाइपास, सेदरिया रोड बाइपास तक फैल गया। इसके साथ ही परकोटे के बाहर की ओर ाी आवासीय व व्यावसायिक निर्माण शुरु हो गए। इनके साथ ही इन परकोटे पर अतिक्रमण होना शुरु हो गया। कई स्थानों पर परकोटे को तोड़कर उनपर अतिक्रमण कर दिया गया।दे ारे ा का अ ााव…परकोटा शहर की ऐतिहासिक धरोहर है। इस धरोहर को सहजने की ओर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। दिनोंदिन यह परकोटा धराशाही होता जा रहा है। शहर के ऐतिहासिक बुर्ज ाी अब समय के साथ अंतिम सांसे गिन रहे है। शहर के ऐतिहासिक गौरव व महत्व को बचाने के लिए प्रशासनिक दृष्टि से कोई पहल नहीं की जा रही है। चांद बीबी के मकबरे को बना दिया गोदाम…प्रशासन की अनदे ाी की चलते ऐतिहासिक चांद बीबी के मकबरे को ही कुछ लोगों ने गोदाम बना दिया है। यहां पर लगे ऐतिहासिक धरोहर को नष्ट किया जा रहा है। यहां लगे शिलाले ा टूट रहे है। इसके बावजूद प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। यही स्थिति रही तो आने वाले समय में ऐतिहासिक परकोटे, बुर्ज एवं अन्य धरोहर इतिहास के यादें बनकर रह जाएगी