शहर की आबादी करीब ढाई लाख के पार पहुंच चुकी है। एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के जोनल प्लान तैयार किया जाना है। शहर का जोनल प्लान बनाने को लेकर पिछले दो साल प्रक्रिया चल रही है। अब तक जोनल प्लान तैयार नहीं किया जा सका है। समय पर जोनल प्लान तैयार नहीं होने पर कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों के निमयन का मामला और लम्बित हो जाएंगे। जबकि सरकार की ओर से ऐसी विकसित कॉलोनियों के लिए दिसम्बर माह तक आवेदन मांगे है। अगर जोनल प्लान तैयार नहीं हो पाता है तो बिना अनुमति विकसित कॉलोनियों के लोगों को पट्टे मिलने की उम्मीद पूरी नहीं हो सकेगी। गौरतलब है कि पूर्व में 1999 तक कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों को नियमन किया जा रहा था। अब राज्य सरकार ने 2018 तक बसी कॉलोनियों के नियमन किए जाने को लेकर केबिनेट में मंजूरी दी थी। इस संबंध में आदेश निकाले थे।
नगर परिषद प्रशासन तहसील प्रशासन को पत्र लिखकर 50 राजस्व गांवों का राजस्व मानचित्र उपलब्ध करवाने को कहा है। नगर परिषद प्रशासन की ओर से करीब नौ माह पूर्व पत्र लिखा गया है। अब तक तहसील प्रशासन की ओर से नगर परिषद को राजस्व मानचित्र उपलब्ध नहीं करवाए है। इसके चलते करीब एक साल से जोनल डवलपमेंट प्लान तैयार नहीं हो सका है
शहर के जोनल प्लान बनाने के लिए खाका तैयार कर लिया है। इस प्लान के तहत बाडिया जग्गा, बाडिया श्यामा, बलाड, बनेवड़ी, ब्यावरखास, भवानीखेड़ा, भोजपुरा, छावनी परेड, दौलतपुरा बलाइयान, दौलतगढ़ सिंघा, देलवाड़ा, डूंगरखेड़ा, फतेहपुर प्रथम, फतेहपूरिया दोयम, गणेशपुरा, गढ़ी थोरियान, गोविन्दपुरा, जालिया प्रथम, कालियावास, केसरपुरा परसा, खेजड़ला, कुशलपुरा बलाड, लसाडिया, लसानी प्रथम, मकरेड़ा, मालपुरा कालियावास, मांडावास, मेडिया नयानगर, नरबदखेड़ा, नृसिंहपुरा, नया नगर, नून्द्री मालदेव, नून्द्री मेन्द्रातान, रामगढ़ झूठा, रामपुरा गुंदो का बाला, रामपुरा मेवातियान, रामसर बलाइयान, रतनपुरा सरदारा, रुपाहेली, सरमालिया, सेदरिया, सेमला, शेषपुरा, शाहपुरा, बिचड़ली, शिवनाथपुरा, शोभापुरा, सिघाडिय़ा, सोवनिया, ठीकराना गुजरान, ठीकराना मेन्द्रातान को शामिल किया गया है।
जोनल प्लान बनाने के लिए तहसील को मेरे कार्यकाल में पत्र भिजवाया था। तहसील प्रशासन की ओर से राजस्व नक्शे उपलब्ध नहीं करवाए थे। अब करवा दिए गए तो उनकी जानकारी नहीं है।
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