राजकीय अमृतकौर अस्पताल में अब मरीजों को कौनसे कमरे में दिखाना है, कौनसे वार्ड में जाना है ये जानना आसान हो जाएगा। इसके लिए राजकीय अमृतकौर अस्पताल में कलर कोडिंग की शुरूआत हो चुकी है। मतलब हर डिपार्टमेंट को कलर से पहचान मिल गई है। इससे जो लोग पढ़ लिख नहीं सकते वो भी आसानी से अपनी बीमारी को लेकर संबंधित डिपार्टमेंट के आउटडोर और इंडाेर में आसानी से पहुंच सकेगा और डॉक्टर को चेकअप करवा सकेगा साथ ही वार्ड में जाकर भर्ती हो सकेगा।
क्वालिटी इंश्योरेंस में पास होने की कवायद: अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाओं को दुरूस्त करने के पीछे क्वालिटी इंश्योरेंस योजना के टेस्ट पास करने का मकसद भी है। बताया गया है क्वालिटी एश्योरेंस के तहत मरीजों को अस्पताल में होनी वाली परेशानियों से किसी प्रकार और आसानी से निजात दिलवाई जा रही है इसके भी अंक है। ऐसे में ऐसे मरीज या परिजन जो पढ़ नहीं सकते उन्हें भी आसानी भी वार्ड की जानकारी हो सकेगी।
कौन सा कलर किस वार्ड का
हरा : सीसीयू और ट्रॉमा वार्ड में पहुंचाएगी।
नीला या बैंगनी: नीले या बैंगनी रंग में बनी दिशा सूचक पट्टी मेडिसिन, हीमो डायलिसिस वार्ड पहुंचाएगी।
लाल : लाल रंग की पट्टी पीएमओ और डिप्टी कंट्रोलर के कक्ष को इंगित करेगी।
ब्राउन : ब्राउन यानि भूरे रंग की पट्टी नर्सिंग अधीक्षक और हैल्थ मैनेजर के कक्ष को इंगित करेगी।
पीले: पीले रंग की पट्टी मेल सर्जिकल और बर्न वार्ड की इंगित करेगी।
औरेंज: नारंगी रंग की पट्टी फिमेल सर्जिकल वार्ड, ऑर्थोपेडिक और आई वार्ड को इंगित करेगी।
एेसी कलर कोडिंग हर वार्ड में।