पंचायती राज चुनावों में इस बार मतदान केंद्रों पर होमगार्ड चुनावी ड्यूटी देते नजर नहीं आएंगें। राज्यभर के लगभग सभी जिलों के होमगाड्र्स को इन चुनावों में काम नहीं मिलेगा। राज्य सरकार ने प्रदेश में तीन चरणों में होने वाले पंचायत राज चुनाव में 20 हजार से अधिक होमगार्ड के मानदेय एवं भत्ते वगैरह पर खर्च होने वाले बजट को वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति नहीं दी है। यहीं वजह है कि अब इन चुनावों में मतदान केंद्रों पर होमगार्डकर्मी ड्यूटी देते नहीं दिखेंगें।
पंचायत चुनाव 2020 के दौरान कानून व्यवस्था ड्यूटी के लिए निर्वाचन आयोग एवं पुलिस विभाग की मांग के अनुसार 13 जनवरी से 3 फरवरी तक (22 दिवस) शहरी एवं ग्रामीण होमगार्ड एवं बोर्डर होमगार्ड (सशस्त्र) के नियोजन की विभागीय कवायद शुरू हुई। इसके बाद 20 हजार 500 होमगार्ड एवं बोर्डर होमगार्ड गृह रक्षा विभाग से मांगें गए। गृह रक्षा विभाग ने इसकी कवायद भी शुरू कर दी और प्रदेशभर के केंद्रों से होमगार्ड एवं बोर्डर होमगार्ड ड्यूटी के लिए मांग भी लिए गए। लेकिन सचिवालय स्तरीय मीटिंग में उक्त गृह रक्षा विभाग के बजट को वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति नहीं दी गई और चुनाव में कानून व्यवस्था के लिए होमगार्ड की ड्यूटी लगाने के कार्य को स्थगित कर दिया गया। इनके स्थान पर आरएसी बल और पुलिसकर्मियों की ही ड्यूटी लगाए जाने का निर्णय लिया गया।
राजस्थान होमगार्ड और बोर्डर होमगार्ड नियोजित करने की कवायद शुरू की गई थी। वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त नहीं होने के कारण इनके स्थान पर राजस्थान पुलिस एवं आरएसी बल ही उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया। प्रशासन, कानून व्यवस्था के महानिदेशक पुलिस एम.एल. लाठर ने यह आदेश दे दिए है। यथावत रहेगी पहले की ड्यूटी :पंचायत आम चनुाव में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए 13 जनवरी से चुनाव ड्यूटी लगाई जानी थी, लेकिन सरकार की ओर से वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिलने से सभी होमगार्डस सदस्यों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है। चुनावी ड्यूटी की कवायद से पूर्व जिन होमगार्डस जिन एजेंसियों, कार्यालयों, रात्रि गश्त एवं यातायात में ड्यूटी लगाई गई थी वो यथावत रहेगी।
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