छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए स्कूलों में तीसरी आंख से निगरानी रहेगी। विशेष रूप से निजी स्कूलों को सीसीटीवी कैमरा लगाने पर ही मान्यता दी जाएगी। शैक्षणिक संस्थानों के आसपास व बाहर स्कूल प्रारंभ होने व छुट्टी के समय छात्राओं के साथ समाजकंटक छेड़छाड़ करते हैं और फब्तियां कसते हैं। इन हालात पर अंकुश के लिए स्कूल शिक्षा व भाषा विभाग के आयुक्त ने प्रदेश के सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा है।
इसमें कहा कि स्कूलों के प्रवेश द्वार, निकासी द्वार व भवन के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगवाकर ऐसी घटनाएं रोकने के प्रयास किए जाएं। इसके अतिरिक्त नवीन मान्यता देने से पहले संस्था के भवन में सीसीटीवी कैमरे लगाने का संस्था प्रधान से शपथ पत्र लिया जाए।
शिकायत पेटी नहीं हुई कारगर: गौरतलब है कि राजकीय व निजी विद्यालयों में छेड़छाड़ जैसी घटनाओं की रोकथाम के लिए पूर्व में शिकायत पेटिका लगाने का निर्णय किया था व कई विद्यालयों में इसकी स्थापना भी की गई, लेकिन यह प्रयास कारगर साबित नहीं हुए। छात्राओं ने स्वयं का नाम उजागर होने के डर से शिकायत ही नहीं की।
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सिविल राइट्स के पत्र पर चेता है। एडीजी सिविल राइट्स ने ही सुझाव दिया कि शैक्षिक संस्थाओं के भवन में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं व नई मान्यता देने से पहले शपथ पत्र लिया जाए।