परीक्षा के नजदीक आते ही या फिर परीक्षा कक्ष में पेपर देते समय किसी ना किसी छात्र-छात्रा में घबराहट या व्याकुलता की शिकायतें सामने आना आम बात सी हो गई है। छात्र छात्राओं में बढ़ती इस समस्या को रोकने के लिए अब शिक्षा विभाग ने पहल की है। ताकि छात्र-छात्राएं अपनी परीक्षा की तैयारियां बिना घबराहट या व्याकुलता से कर सके और सुकू न से परीक्षा दे सके।परीक्षा के दिनों में विद्यार्थियों में किसी प्रकार से घबराहट या व्याकुलता नहीं हो और विद्यार्थी अपनी एकाग्रता से तैयार कर अच्छी तरह से परीक्षा दे। इसके लिए प्रदेश भर के शिक्षाविदें से राय ली जाएगी। शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी भी कर ली है और जयपुर में होने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा भी तय कर ली है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के संयुक्त तत्वावधान में राज्य स्तरीय संवेदीकरण कार्यक्रम होगा। 3 फरवरी को इंदिरा गांधी पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास संस्थान जवाहरलाल नेहरू मार्ग जयपुर में होने वाले इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में राजस्थान के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को बुलाया गया है। ताकि विद्यार्थियों की परीक्षा के दौरान व्याकुलता एवं घबराहट से बचाने के लिए उपायों पर मंथन किया जा सके।
माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर के निदेशक हिमांशु गुप्ता ने सभी जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) को इस संवेदीकरण कार्यक्रम में आवश्यक रूप से उपस्थित होने के लिए कहा गया है। यह कार्यक्रम 3 फरवरी को सुबह 9.30 बजे से शाम 3 बजे तक होगा।बढ़ते सुसाइड के मामलें :परीक्षा या परिणाम आने के दौरान छात्र छात्राओं के सुसाइड करने या घर छोडऩे के मामलें प्रदेशभर में दिनों दिन बढ़ते जा रहे है। यहीं वजह है कि अब शिक्षा विभाग ने परीक्षा के दौरान छात्र-छात्राओं में घबराहट या व्याकुलता न हो इस दिशा में काम करना शुरू किया है।
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