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योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से नाराज श्रमिकाें ने किया विरोध

योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से नाराज श्रमिकाें ने किया विरोध

श्रम कल्याण विभाग की ओर से श्रमिकों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ उपखंड के श्रमिकों को एक वर्ष से प्राप्त नहीं हो रहा है। योजनाओं का लाभ लेने के लिए श्रमिक शहर के श्रम कार्यालय में चक्कर काट रहे हैं। लेकिन योजना का ना तो लाभ प्राप्त हो रहा है और ना ही कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों की ओर से संतोषजनक जवाब मिल रहा है। नाराज श्रमिकों ने अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर आक्रोश जताया। श्रमिकों ने कार्यालय में स्थाई श्रम कल्याण अधिकारी नियुक्त करने की मांग की।

श्रमिकाें ने बताया कि श्रम विभाग कार्यालय में लम्बे समय से स्थाई श्रम कल्याण अधिकारी नहीं मिलने के कारण श्रमिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। श्रम कल्याण अधिकारी के पद पर अजमेर के श्रम कल्याण अधिकारी का अतिरिक्त कार्य भार दे रखा है। जो सप्ताह में एक दिन ही आते है। एक दो सप्ताह तो ऐसे भी होते है जब श्रम अधिकारी आते ही नहीं है। यदि सप्ताह के एक दिन अा भी जाए तो अधिकारी अन्य कार्यो को पूरा करने में ही दिन बीता देते है। योजनाओं में आए आवेदनों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। श्रमिकों को योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के अपनी मजदूरी छोड़ कर शहर आने पर मजबूर होना पड़ता है। श्रमिकों ने कार्यालय के अधिकारियों पर योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर चाैथ वसूली किए जाने का भी आरोप लगाया। जो श्रमिक योजना का लाभ लेने के लिए ई मित्र केन्द्र पर पैसे देने के लिए राजि हो जाता है, उसका श्रम अधिकारी व कर्मचारी आवेदन की ऑनलाइन व्यवस्था होने के बाद भी उक्त आवेदन को पास कर देते है। जो पैसा नहीं दे पाता उस श्रमिक के आवेदन में किसी भी प्रकार की कमी बता कर चक्कर कटवाते है। विरोध करने वालों में श्रमिक गणपत सिंह, कुशाल सिंह, लक्ष्मीदेवी, सुखी देवी, संतोष, नारायण सिंह आदि उपस्थित थे।

कार्यालय में दो श्रम निरीक्षक होने से बढ़ी समस्या

उपखण्ड में 39 हजार श्रमिक पंजीकृत है। इसमें 20 हजार 85 महिला व 19 हजार 431 पुरूष श्रमिक पंजीकृत है। जहां कार्यालय में दो श्रमिक निरीक्षक कार्यरत है। इसमें से श्रमिक निरीक्षक एम.के.शर्मा संविदा पर कार्यरत है तथा दूसरे श्रमिक निरीक्षक वंसुधरा चौहान नियुक्त है। लेकिन दोनों श्रम निरीक्षक निरीक्षण कार्य के लिए अजमेर, टोंक, नागौर व भीलवाड़ा रहते है। ऐसे में कार्यालय में अधिकारी के नहीं होने पर श्रमिकों को संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाता है। वहीं कार्यालय में श्रम कल्याण अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार अजमेर के संभागीय श्रम आयुक्त अनुपम गौड़ को दे रखा है। जो सप्ताह में केवल बुधवार को कार्यालय आते है। लेकिन उस दिन भी केवल वह न्यायिक कार्य को पूरा करने में लगा देते है। इससे आवेदनों की संख्या में दिन ब दिन बढौत्तरी होती जा रही है। जिसको लेकर यूनियनों के पदाधिकारियों ने पूर्व में विरोध प्रदर्शन कर स्थाई रूप से श्रम कल्याण अधिकारी को नियुक्त करने की मांग कर चुके है। कार्यालय में सबसे अधिक छात्रवृत्ति योजना के 2 हजार आवेदन लम्बित है। इसके बाद शुभशक्ति योजाना के एक हजार से अधिक आवेदन है।

दो साल में 8 हजार 32 आवेदनों का निस्तारण हो पाया

गत दो वर्ष में कुल 13 हजार 14 अावेदन ऑनलाइन प्राप्त हुए थे। इसमें से 8 हजार 32 आवेदनों का ही निस्तारण हो सका है। इसमें जवाजा व मसूदा पंचायत समिति के भी आवेदन शामिल है। लेकिन अब भी 4 हजार 234 आवेदनों का निस्तारण होना शेष है। मसूदा व जवाजा के भी आवेदन आने से ऑनलाइन जांच में जिस नम्बर का आवेदन होगा उसी का निस्तारण होता है। ऐसे में श्रमिकों को योजना का लाभ मिलने में देरी होगी। कार्यालय में नई डायरी बनने का कार्य भी नहीं हो रहा है। इसी का नतीजा है तीन हजार से अधिक आवेदन नई श्रमिक डायरी के ही लम्बित चल रहे है। बिना डायरी के श्रमिकों को लाभ प्राप्त नहीं होने के कारण श्रमिक कार्यालय व ई मित्र केन्द्र के ही चक्कर काट रहे है। छात्रवृत्ति सहायता योजना के 2 हजार, शुभशक्ति सहायता योजना के 1 हजार 150, मृत्यु/घायल सहायता योजना के 110, सिलोकोसिस बीमारी से पीड़ित सहायता के 5, टूलकिट सहायता योजना के 500, प्रसूति सहायता योजना के 410, सुलभ आवास योजना के 10 व जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना के 49 आवेदनों का निस्तारण होना शेष है।

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