जमीनाें से लेकर अपने-अपने क्षेत्र में कानून व्यवस्था का जिम्मा संभालने अाैर शिविर लगाकर जनता की समस्या का समाधान करने वाले एक आरएएस अधिकारी माेहन लाल खटवानिया के मन में एेसी धुन सवार हुई कि उन्हाेंने मसूदा ब्लाक की सभी 48 सरकारी विद्यालयाें में सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए।
इतना ही नहीं, स्कूल के विकास में योगदान देने वाले भामाशाहों काे आयकर में छूट दिलवाने की खातिर सभी स्कूलाें में 80 जी की सुविधा से भी जुड़वा दिया। शुरू में खटवानिया काे प्रधानाचार्यों का सहयाेग नहीं मिला, वजह थी प्रधानाचार्यों द्वारा सरकारी बजट का राेना, एेसे में वह करते ताे भी क्या करते? लेकिन उन्हाेंने जाे ठाना,उसे पूरा करके दिखाया। प्रधानाचार्यों काे जरिए नाेटिस से फरमान जारी कर स्कूलाें से मंगवा लिया विकास काेष व छात्र काेष का लेखा-जाेखा। हर प्रधानाचार्य काे बता दिया स्कूल काेष का आंकड़ा अाैर उन्हें इस बात के लिए पाबंद कर दिया कि वह जल्द से जल्द सीसीटीवी कैमरे लगवाएं। उनकी बात रंग भी लाई अाैर 46 स्कूल में ताे सीसीटीवी कैमरे लग भी लग गए अाैर दाे स्कूलाें में कैमरे लगाने का काम जारी है। अब स्कूल में प्रवेश करते ही सभी कैमरे की नजर में अा जाते है, अाए दिन पोषाहार में चाेरी चले जाने गेहूं से भी इससे निजात मिल सकेगी। स्कूलों में अवांछनीय गतिविधियों भी अंकुश लग सकेगा। प्रदेश में संभवतया मसूदा ब्लाक ही एेसा हाेगा जहां पर सभी सीनियर स्कूलाें में सीसीटीवी कैमरे लग गए हाे। 80 जी के लिए पैन कार्ड समेत अन्य औपचारिकता पूरी करने के लिए धन की जरूरत काे उन्हाेंने अाड़े नहीं अाने दिया अाैर स्कूल काेष, स्टाफ सहयाेग अाैर भामाशाहाें का सहयाेग लेकर इस काम काे भी पूरा करवा दिया।
मसूदा ब्लाक में 168 में से 116 उच्च माध्यमिक माध्यमिक एवं मिडिल स्कूलों के पैन कार्ड बन चुके हैं जिससे दान देने से भामाशाह को 80 जी के तहत टैक्स में छूट मिल सकेगी। उपखंड अधिकारी इनके साथ-साथ स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने गरीब बच्चों की मदद करने के लिए अनवरत क्रियाशील है।
सरकारी स्कूल में ही अध्ययन करने वाले माेहन लाल प्रारंभ से सरकारी स्कूलाें के विकास के लिए पूरी तरह से तत्पर है। विद्यालयों में पुराना फर्नीचर एवं अन्य कबाड़ से दो-दो कमरे भरे रहते थे। उन्हाेंने पंचायत समिति के लेखाकार काे लगाकर 27 स्कूलों के कबाड़ का निस्तारण करवाकर विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए कमरे उपलब्ध करवा दिए। स्कूलों में दान देने वाले भामाशाहाें का सम्मान करवाने में भी उन्हाेंने काेई काेर कसर नहीं छाेड़ी। ₹10000 तक दान देने वाले भामाशाह को विद्यालय स्तर पर गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सम्मानित किए जाने की परंपरा शुरू की गई। वहीं 10000 से ऊपर दान देने वाले भामाशाह को उपखंड स्तर पर प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जा रहा है। पूर्व में 107 भामाशाह को उपखंड स्तर पर एवं 150 भामाशाह को स्कूल स्तर पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।