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सरकार ने अधिकार दिए फिर भी आचार संहिता में निष्प्रभावी रही कमेटी!

चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता शुरू होते ही अधिकांश सरकारी दफ्तरों में आमजन को राहत देने के बजाय उनकी फाइलें एक कोने में यह कहकर पटक दी जाती है कि अब आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही इन पर गौर फरमाएंगे, कुछ ऐसा ही नगर परिषद ब्यावर में भी हो रहा है। वह भी तब जब सरकार ने इसी आचार संहिता में आमजन को राहत देने के मकसद से एक कमेटी का गठन कर दिया हो। मगर हैरानी है कि सरकार से अधिकार मिलने के बाद भी यहां परिषद में गठित कमेटी न तो किसी फाइल को पास कर सकी और न ही आमजन को ऐसी कोई राहत दे सकी। अब जब कमेटी के निष्प्रभावी होने में महज नौ दिन बचे हैं तो परिषद प्रशासन ने इस पर गौर फरमाना शुरू किया है। 

क्या दी थी सरकार ने राहत : इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक और संयुक्त सचिव पवन अरोड़ा ने 29 अप्रैल को ही स्पष्ट कर दिया था कि लोकसभा आम चुनाव आचार संहिता दौरान भवन अनुज्ञा संकर्म समिति की बैठक जन प्रतिनिधियों के प्रतिनिधित्व होने के कारण आयोजित नहीं हो पा रही है। चुनाव आचार संहिता दौरान भवन निर्माण स्वीकृति, ले-आउट प्लान अनुमोदन, ले-आउट प्लान में संशोधन, भूखंडाें के पुनर्गठन एवं उपविभाजन के प्रकरणों के निस्तारण के लिए राज्य के सभी नगरीय निकायों में कमेटी का गठन किया जाता है।

नगर परिषद के लिए आयुक्त की अध्यक्षता में सहायक अभियंता या कनिष्ठ अभियंता, सहायक नगर नियोजक, विधि अनुभाग का वरिष्ठतम अधिकारी या विधि सलाहकार को सदस्य के रूप में शामिल किया गया। 

कब तक प्रभावी रहेगी कमेटी : उक्त कमेटी लोकसभा चुनाव आदर्श आचार संहिता की समाप्ति 25 मई तक प्रभावशील रहेगी। ऐसे में महज आचार संहिता के दौरान गठित इस कमेटी को आमजन से जुड़े ऐसे प्रकरणों पर गौर कर उन्हें राहत देनी थी। 

कौनसे कार्य होने थे : लोकसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद आमजन को राहत मिले इसके लिए जिस कमेटी का गठन किया गया उसके साथ यह भी स्पष्ट किया गया कि इस अवधि में कौनसे काम होंगे और कौनसे नहीं। इसके लिए अलग से आदेश जारी कर स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक पवन अरोड़ा ने बताया कि आम चुनाव आचार संहिता दौरान किये जाने वाले कार्य के लिए विभाग द्वारा 26 मार्च 2019 को जो आदेश जारी किए गए। उसमें बिंदु संख्या 3 में निर्देश दिए गए थे कि कृषि भूमि नियमन, निर्माण स्वीकृति, नामांतरण आदि की सक्षम स्वीकृति के बाद पूर्ण राशि जमा हो गई हो तो पटटा या स्वीकृति पत्र जारी किए जा सकते हैं। 

परिषद ने मांगे थे दिशा-निर्देश : उक्त बिन्दु के संबंध में कुछ निकायों द्वारा यह जानकारी मांगी जा रही है कि ऐसे प्रकरणों में राशि किस तिथि तक जमा होने के मामले निस्तारित किए जा सकते हैं। इस संबंध में स्पष्ट किया जाता है कि जिन प्रकरणों में निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है, उनमे नियमानुसार राशि जमा की जाकर पटटे या स्वीकृति पत्र जारी किए जा सकते हैं। इसमें तिथि की कोई बाध्यता नहीं हैं।

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