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क्या होगा हमारे ब्यावर का, सब खेल है चुग्गा-पानी का

💥💥💰💰क्या होगा हमारे ब्यावर का,सब खेल है चुग्गा-पानी का💰💰💥💥

“जब प्रधानमंत्री जी के निर्देशो को धता बता रहे हैब्यावर के सत्तारूढ़ कर्णधार”
जन जन के हमारे नेता नरेंद्र जी मोदी प्रधानमंत्री की शपत लेते हि भष्टाचार व रिश्वत को जड़ से हटाने के लिये प्रयासरत है ताकि आमजन राहत महसूस कर सके।
लेकिन ब्यावर में उलटा हो रहा है नगरपरिषद हो चिकित्सालय,तहसील हो या डी. टी.ओ. ऑफिस जनता से जुड़े हर विभाग में लूट मची है ,तो बिना परमिशन के सड़को का चीरहरण हो रहा है जो बन रही है वो कमीशन खोरी के कारण एक बारिश भी नही देख पाती किंतु सत्ता में बैठे लोगो को कोई फ़िक्र नही है ऐसा भी नही है कि उनकी जानकारी में नही है सब कुछ जानकारी मे होते हुऐ भी धृतराष्ट्र बने हुऐ।
लगभग एक वर्ष पूर्व स्थानीय जे स्काईचैनल द्वारा जनसमस्याओं पर आमजनता,जनप्रतिनिधियो ,अधिकारियो,नेताओ व मिडिया का सयुक्त लाइव कार्यक्रम रखा था जिसे आमजन ने सरहाया।उस कार्यक्रम में खुलकर समस्याओं व भष्टाचार पर ध्यान केंद्रित किया गया तब माननीय विधायक महोदय ने बड़े आश्चर्य से कहा कि इतना बड़ा भष्टाचार व रिश्वत खोरी ।अब नही चलेगी।उन्होंने अधिकारियो को भी फटकारते एक मौजूद अधिकारी से पूछ लिया कि आप क्या करते हो तो उस अधिकारी ने जबाब दिया मेरे बुते की बात नही है आप कुछ करो,तब उन्होंने कहा कि में बात करता हु अब नही चलेगा।तब लगा था कि हालत सुधरेंगे लेकिन हुआ उल्टा अब तो अंधरी नगरी, चोपट राजा की कहावत चरितार्थ हो रही है।
नगरपरिषद लूट का अड्डा बन गया है जो उनका कार्य वो तो करना भूल गये है अब तो येन केन आमजन को कैसे लुटा जाय इस में जुटी है चांडाल चौकड़ी।लूट के मॉल के बंटवारे पर होती है तू तड़ाक ,फिर आम जन में खिसक खिसक आती बाते तब निष्ठावान कार्यकर्ता को होनापड़ताहै शर्मिंदा ।
शहर अतिक्रमण,अवैध निमोर्ण, आवारा पशुओं,अवैध पशुवध करने वालो से तो त्राहिमान त्राहिमान हैसाथ हि जायज कार्य नही होने से भी दुखी है।
अवैध निमोर्ण खुले आम हो रहे है बोर्ड के स्वयं के उपसभापति ,पार्टी के पदाधिकारी व पार्षद अवैध निर्मोर्ण कार्यो कि सूचि सभापति व आयुक्त को सोंप कर कार्यवाही की मांग करते है तो भी उन पर कार्यवाही नही होती ,गाज गिरती है उन पर जो गलियों में दोजुन की रोटी के लिए घर के बाहर दुकान लगा कर बैठे है।
19 जुलाई 2016 को तो आश्चर्य जनक घटना हुई,जब जिला कलेक्टर को लेकर विधायक स्वंय अवैध निर्माण व अतिक्रमण कारियो की सूचि देकर मौका मुयाना कराते हुऐ अवेध पशु वध की भी जानकारी देते है तो कलेक्टर महोदय उन से कहते है यह सब नगरपरिषद का कार्य है और बोर्ड भी आपका व सभापति भी आपकी फिर भी आप मुझे दिखा रहे हो तो आप लोग क्या करते हो फिर भी वो आवश्यक कार्यवाही के आदेश देकर अपना फर्ज पूरा कर जाते है लेकिन10 माह बाद जिन को विधायक महोदय अवैध बता रहे ,रस्सी लेकर नाप रहे थे वो सब उनकी रस्सी के नाप से आगे बढ़कर पूर्ण हो गये और कुछ होने को है इसका मतलब विधायक जी जिस को अवैध बता रहे थे वो अवैध नही थे सभापति तो उस समय भी कह रही थी सब नियम अनुसार हो रहा है आमजन का मत था कि खेल सब चुगा पानी का है ,जिन के पास नही पंहुचा रहा है वो बड़बड़ा रहे थे।जब पहुच जायेगा तो वो भी रजाई ओढ़ के सो जाएंगे,वही हुआ।
माननीय प्रधानमंत्री जी अधिकारियो से कह रहे कि आप डरो मत बेहिचक गरीबो के हित के लिये डट कर कार्य करो लेकिन ब्यावर के अधिकारी प्रधानमंत्री जी के निर्देशों पर कार्य भी करना चाहते है लेकिन स्थानीय सत्ता में बैठे लोग उनके मार्ग में रोड़ा बने हुऐ उन को अंजाम नही देना देने चाहते है इसका उदाहरण ब्यावर के युवा आईं ए एस उपखण्ड अधिकारी को न.प.आयुक्त का अतिरिक्त चार्ज मिला तो उनके कार्य करने की इच्छा शक्ति से लगा कि ब्यावर के अच्छे दिन आ गये लेकिन वो नियम कायदे के जलवे दिखाने लगे तो सत्तारूढ़ नेताओ की नींद उड़ने लगी और कुछ हि दिनों में दवाब में आकर शहर हित में कुछ करने की इच्छाओं का गला घोठ कर शांत हो गये।
वर्तमान में सत्ता के खिलाफ जो भी बोलता है उस के ऊपर संकटो के पहाड़ टूट पड़ते है उन पर फर्जी कार्यवाहियां,बेबुनियादी आरोप व झुटे मुकदमो से प्रताड़ित किया जा रहा है।
इस भष्ट्राचार से आमजन के साथ पार्टी के नेता कार्यकर्ता भी पीड़ित है इस लिये खुले आम बोल रहे है कि पार्टी में पद बिक रहे है खरीदने वाला चाहिये वो चाहे काग्रेसी हो या भूमाफिया या अन्य कोई डिग्री होल्डर बस पार्टी कि विचारधारा का जानकार नही होना चाहिये।यहाँ तो एक ही विचारधारा होनी चाहिये जो माननीय जी को पसंद आये बाकि सब बेकार।
भाजपा अजमेर देहात के नये नये जिलाध्यक्ष जी बने तब जरूर विधायक जी कि गेर वाजिब मांगों पर अंकुश लगा कर विचारवान कार्यकर्ताओ व सिदांतो की रक्षा करने वालो के पक्ष में डट कर खड़े दिखे, तब कार्यकर्ताओ को लगा कि सब ठीक हो जायेगा किन्तु विधायक जी ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया तो कुछ दिन तो संघर्ष किया किन्तु बाद में उन्होंने भी चुप्पी धारण कर ली।
ब्यावर आमजन को राहत पाने के लिये स्वयं को हि जगना होगा।भष्टाचारियो के खिलाफ जंग छेड़नी होगी,इनका बहिष्कार शुरू करना होगा,चापुलसो व चांडाल चौकड़ी में शामिल लोगों को दुत्कारना होगा।तब ही इनके समझ में आएगी कि जनता
अब जग चुकी,ब्यावर के विनाश को बर्दाश्त नही करेगी और विनाश कीऔर ले जाने वालों की खेर नही।
देवीशंकर भूतड़ा
पूर्व विधायक,ब्यावर।

 

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