शहर में अनधिकृत निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए परिषद प्रशासन ने कमर तो कस ली मगर इसे परिषद की उदासीनता कहेंगे या लाचारी कि वह 3 साल पहले पार्षदों द्वारा सौंपी गई अनधिकृत निर्माण संबंधी सूची पर न तो कोई ठोस कार्रवाई कर सकी और न ही पार्षदों को इस बारे में संतोषजनक जवाब दे सकी।
इस अवधि में परिषद में 6 आयुक्त बदले मगर पार्षदों द्वारा सौंपी गई सूची कम होने के बजाय बढ़ती गई। अब एक बार फिर पार्षदों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्रवाई को आतुर दिखाई देते आयुक्त राजेंद्र सिंह चांदावत को एक नई सूची और सौंपी।
पहले थी सूची में 46 जगह चिह्नित
मालूम हो कि 26 अप्रैल 2016 को उप सभापति सुनील कुमार मूंदड़ा के नेतृत्व में तत्कालीन आयुक्त मुरारीलाल वर्मा को भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों ने करीब 46 स्थान चिह्नित करते हुए उनकी सूची सौंपी। जिन पर परिषद प्रशासन को मौका-मुआयना व जांच कर उचित कार्रवाई करने की सलाह दी गई। पार्षदों का आरोप था कि जो सूची सौंपी गई उनमें से कई निर्माण अनियमित है तो कई अतिक्रमण की श्रेणी में आते है जबकि कुछ का नक्शे के विपरीत निर्माण हो रहा है। आयुक्त को यह सूची सौंपने वालों में विजेंद्र प्रजापति, दलपत राज मेवाड़ा, कमला दगदी, कैलाश गहलोत, ज्ञानदेव झंवर, बाबूलाल पंवार, हनुमान चौधरी, मोहनलाल सूबेदार, कांता ग्वाला समेत अन्य पार्षद शामिल थे।
नगर परिषद में बदले तो केवल 6 आयुक्त, 3 साल बाद पार्षदों ने फिर थमाई आयुक्त को सूची, बोले शहर में अनाधिकृत निर्माण कार्यों पर लगे अंकुश, आयुक्त बोले कमी मिली तो परिषद करेगी कार्रवाई
ब्यावर. पार्षदों के साथ चर्चा करते आयुक्त राजेंद्र सिंह चांदावत।
अब थमाई पार्षदों ने आयुक्त को 21 की सूची
शुक्रवार को जो सूची पार्षदों की ओर से आयुक्त राजेंद्र सिंह चांदावत को सौंपी गई उसमें यश सेन गुरु वाटिका भगत चौराहा, स्वर्ण गंगा सिटी सिनेमा के सामने, डॉ. सीएल भाटी सेंदड़ा रोड, रवि कम्प्यूटर सेंदड़ा रोड, मंसूरी सेंदड़ा रोड, विमल सर्राफ पीपलिया बाजार, दिलीप जाजू पीपलिया बाजार, महावीर मकाणा पाली बाजार, सुरेंद्र ओस्तवाल गोदावरी स्कूल मार्ग, सुशील जैथल्या गोदावरी स्कूल मार्ग, लोकेश कोठारी बजारी गली, हाकिम कुरैशी वार्ड 15, राजेंद्र चौपड़ा सनातन स्कूल मार्ग, कुबेर विहार मसूदा रोड, सुभाष ओस्तवाल कोर्ट के सामने, बद्री सामरिया वेस्ट पेटेंट प्रेस, दिनेश भाटी मसूदा रोड, कुमावत ब्रदर्स शाहपुरा मोहल्ला, उदयपुर रोड पर दो स्थानों पर, द्वारकाधीश गार्डन अजमेर रोड क्षेत्र में पार्षदों ने अनाधिकृत निर्माण का आरोप लगाते हुए परिषद प्रशासन से कार्रवाई की मांग की।
तीन साल पहले ये थे सूची में शामिल
तीन साल पहले पार्षदों की ओर से जो सूची सौंपी गई उसमें होटल जिंदल, ओके प्लस, मोती महल, मोती महल के समीप, केसरीनंदन गार्डन, द्वारकाधीश गार्डन, घीसू जागीरदार, शीतला माता गली, देवनारायण दूध भंडार, जयपुर गोल्डन के पास गैरिज, अजमेरी गेट कांजी हाउस की दुकानें, जय क्लिनिक के पीछे, रेलवे स्टेशन रोड स्थित दुकानें, गोपाल नगर दगदी फ्लेट, मेवाड़ी गेट बाहर कावडिय़ा फ्लैट, मेवाड़ी गेट बाहर ज्ञानजी नाबेड़ा भवन, गोपाल प्रजापत की दुकान के सामने, हेमलानी मार्केट के सामने, मारवाड़ी नोहरे के सामने, जैन फर्टिलिटी हॉस्पिटल, पप्पू साइकिल, आर्य समाज गली, मालियान चौपड़, पाली बाजार पटाखा वाले, मंगल मार्केट के सामने रमेश बंसल, घूंघट साड़ी के पास, चमन चौराहा पदम कुमार, टॉडगढ़ रोड 7 गैलेरी, सनातन स्कूल राठीजी की दुकान, खजांची गली गणपति साड़ी के पास, चांगचित्तार रोड, जय मंदिर के पास, पाली बाजार पवित्र ज्वैलर्स, ब्रह्मानंद मार्ग अनिल मेहता होटल, बल्दुआजी का भवन, एमजी ग्रुप चांगगेट, नेहरू गेट, मेवाड़ी गेट परकोटा प्रकरण, शुभम होटल के पीछे, राज्य सरकार द्वारा आवंटित भूमि का निजी एवं व्यावसायिक उपयोग, कृषि भूमि पर शैक्षणिक संस्थान और स्कूलों का निर्माण, सांखला गली मल्ली सांखला और सांखला गली में ही अन्य प्रकरणों की जांच कराने की मांग की गई थी।
तीन साल में बदले 6 आयुक्त
इधर आयुक्त मुरारीलाल वर्मा के बाद एईएन पदमसिंह चौधरी, एसडीओ पीयूष समारिया, दिनेशराय सापेला, सुखराम खोखर, एसडीओ सुरेश चौधरी ने इस अवधि में आयुक्त का कार्यभार संभाला। उनके बाद अब राजेंद्र सिंह चांदावत यह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर हो तुरंत कार्रवाई
शहर में जनप्रतिनिधियों की ओर से समय-समय पर परिषद प्रशासन को आगाह करने के बावजूद मौके पर अनाधिकृत निर्माण कार्य पर रोक नहीं लगती। तीन-चार शिकायतों बाद जब परिषद की टीम मौके पर पहुंचती है तब तक काफी निर्माण हो चुका होता है। ऐसे में कई बार मौके पर पक्के निर्माण को तोडऩे के अलग से नियमों का हवाला देेकर कार्रवाई नहीं की जाती है। जबकि होना यह चाहिए कि यदि कहीं परिषद की बिना अनुमति या अवैध निर्माण हो रहा है और उसकी शिकायत मिलती है तो तुरंत टीम को मौके पर पहुंचना चाहिए। आरोपी व्यक्ति को मौके पर निर्माण संबंधी दस्तावेज पेश करने का एक मौका देने के बाद दूसरी बार तुरंत परिषद प्रशासन को मौके पर कार्रवाई करनी चाहिए। जिससे अवैध निर्माण करने वालों को सबक मिल सके।