शहर में अनधिकृत निर्माण पर कार्रवाई के दौरान परिषद प्रशासन ने जिन भवन, कॉम्पलेक्स या दुकानों को सीज किया है उन्हें अब परिषद स्तर पर सीज मुक्त नहीं किया जा सकेगा। न तो सीज कमेटी और न ही अन्य को अब ऐसे अधिकार रहेंगे बल्कि इसके लिए कोर्ट के आदेश या डीएलबी की मंजूरी बिना ऐसे सीज भवन नहीं खुल सकेंगे।
पार्षदों ने जताई आपत्ति
मालूम हो कि इस संबंध में अपराधों का शमन और समझौता समिति की तीन बार बैठक बुलाई गई। मगर कोई भी निर्णय नहीं हो सका। इस संबंध में पार्षद ज्ञानदेव झंवर और पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र प्रजापति ने आपत्ति जताते हुए नियमों का हवाला दिया। उनका कहना था कि अपराधों का शमन और समझौता समिति को सीज खोलने संबंधी कोई अधिकार नहीं है। इस संबंध में उन्होंने 4 जून 2019 को तत्कालीन निदेशक पवन अरोड़ा की ओर से जारी आदेश की पालना करने की मांग की। मगर परिषद प्रशासन का कहना था कि डीएलबी से ऐसे कोई आदेश प्राप्त नहीं हुए।