भवन मानचित्र अनुमोदन के लिए प्रदेश की अन्य निकायों में भले ही ऑफलाइन प्रक्रिया दो साल पहले ही बंद हो गई हो मगर प्रदेश की सबसे पुरानी नगर परिषद ब्यावर में यह आज भी चालू है। इसकी वजह है जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों-कर्मचारियों की मनमर्जी। सरकार के आदेश को नजरअंदाज कर वह अपना स्वार्थ पूरा करते हुए सामने वाले को भी अनुचित लाभ पहुंचाने में जुटे हैं। नगर परिषद में भवन मानचित्र अनुमोदन के लिए अब तक ऑफलाइन आवेदन ही स्वीकार किए जा रहे थे। मगर मई 2019 में जारी आदेशों के बाद परिषद ने ऑनलाइन प्रक्रिया तो शुरू कर दी। मगर इसमें भी नरमी बरती गई। आरोप है कि जिनका परिषद गलियारों में आना-जाना लगता रहता है उन्हें इस ऑनलाइन प्रक्रिया से गुजरने के बजाय सीधे तौर पर ही फाइल जमा कराने की छूट दी गई। जबकि आमजन को ऑनलाइन आवेदन करने की सलाह दी गई।
नवंबर 2017 से ही बंद करनी थी ऑफलाइन प्रक्रिया…
स्वायत्त शासन विभाग द्वारा ई-गर्वनेंस के अंतर्गत स्मार्ट राज पोर्टल के माध्यम से बीपास (ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम) राज्य में शुरू हुए करीब 2 वर्ष हो चुके हैं। आवेदन की ऑफलाइन प्रक्रिया को एक नवंबर 2017 से संपूर्ण रूप से समाप्त किए जाने के लिए विभागीय आदेश 29 सितंबर 2017 द्वारा निर्देशित किया गया था।
मई में डीएलबी ने फिर किया पाबंद…
कतिपय नगरीय निकायों को छोड़कर अधिकांश नगरीय निकायों में आज तक ऑफलाइन आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। ऐसे में डीएलबी निदेशक ने इस संबंध में फिर आदेश जारी किए। जिसमें बताया गया कि प्रथम फेज में समस्त अमृत टाउंस एवं जिला मुख्यालय में 25 मई 2019 के बाद भवन मानचित्र अनुमोदन के लिए ऑफलाइन प्रक्रिया को संपूर्ण रूप से समाप्त कर केवल ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। उक्त आदेश की पालना आयुक्त द्वारा आवश्यक रूप से की जाएगी।