प्रदेश के सबसे अधिक आउटडोर वाले राजकीय अमृतकौर अस्पताल में अब सोनोग्राफी के लिए ना सिर्फ मरीजों को कतार लगान पड़ेगी बल्कि सोनोग्राफी के लिए गर्भवती महिलाओं और मरीजों को सप्ताह भर से 1- 1 माह तक का समय दिया जाएगा।
राजकीय अमृतकौर अस्पताल में गत दिनों नियुक्त किए गए एक और रेडियाेलॉजिस्ट डॉ. राजकुमार सैन का ब्यावर के राजकीय अमृतकौर अस्पताल से जयपुर सेठी कॉलोनी स्थित सेटेलाइट हॉस्पीटल में स्थानांतरण कर दिया गया है। एकेएच और ब्यावर क्षेत्र के मरीजों के लिए एक चिंता का विषय है कि डॉ. राजकुमार सैन के जाने के बाद अब एकेएच में सोनोग्राफी के ना सिर्फ गर्भवती महिलाओं और मरीजों को सोनोग्राफी के लिए कतार लगानी पड़ेगी बल्कि एक सप्ताह से 1 माह तक इंतजार करना पड़ेगा।
अब एक शिफ्ट में ही हो सकेगी सोनोग्राफी
गौरतलब है कि राजकीय अमृतकौर अस्पताल में महज एक रेडियोलाॅजिस्ट डॉ. साबिर हुसैन ही कार्यरत है। उनकी भी अक्सर मेडिकल ज्यूरिष्ठ और कोर्ट में पेशी पड़ती रहती है। प्रतिदिन 10 से अधिक प्रसव और रोजाना 5 से अधिक ऑपरेशन करवाने वाले राजकीय अमृतकौर अस्पताल में प्रतिदिन 30 से अधिक सोनोग्राफी की जाती है। एक डॉक्टर सिर्फ 6 घंटे ही सोनोग्राफी कर सकता है। ऐसे में रोजाना सोनोग्राफी पूरी नही हो पाती और गर्भवती महिलाओं के साथ ही अन्य मरीजों को सोनोग्राफी के लिए समय दिया जाता है। सोनाेग्राफी पूरी नहीं हो पाने के कारण मरीजों को करीब 24 से 30 दिन तक का समय देना पड़ रहा था।
पिछले दिनों एक और रेडियाेलॉजिस्ट डॉ. राजकुमार सैन को ब्यावर लगाया गया। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत उनका भी रजिस्ट्रेशन करवा कर दोनों डॉक्टरों को शिफ्ट में सोनोग्राफी करवाना शुरू कर दिया। आम दिनों में जहां 6 घंटे ही सोनोग्राफी हो सकती थी तो वहीं दोनों डॉक्टरों से 6-6 शिफ्ट में सोनोग्राफी करवाने से 12 घंटे सोनोग्राफी होने से मरीजों की लंबी कतार से मुक्ति मिल गई। लेकिन अब एक रेडियोलॉजिस्ट के जाने के बाद फिर से सिर्फ 6 घंटे ही सोनोग्राफी हो सकेगी।
4 डॉक्टरों को लगाया, एक को हटाया
हाल ही में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेशों के अनुसार राजकीय अमृतकौर अस्पताल से डॉ. राजकुमार सैन को जयपुर लगाया गया है तो वहीं 4 डॉक्टरों को ब्यावर लगाया गया है। इनमें चिकित्सा अधिकारी डॉ. बादल सिंह खंगारोत को सादड़ी पाली से, चिकित्सा अधिकारी सर्जरी डॉ. विष्णु कुमार मीणा को प्रतापगढ से, आदेशों की प्रतिक्षा में चल रहे डॉ. प्रकाश मीणा को और अजमेर सेटेलाइट हॉस्पीटल में कार्यरत एसएमओ नेत्र डॉ. लक्ष्मी कांत पारीक को ब्यावर
एकेएच लगाया गया है। अच्छी बात यह है कि डॉ. विष्णु कुमार मीणा ने ब्यावर में ज्वाइन कर लिया है।