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अब ऑटो टीपर में अलग-अलग कर डालना होगा गीला और सूखा कचरा

आज से ही आपको घर तक पहुंचने वाले ऑटो टीपर में कचरा डालते समय गीला और सूखा अलग-अलग डालने के लिए अपनी आदत में शामिल करना होगा। इसकी वजह है नगर परिषद प्रशासन द्वारा बुधवार को डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण योजना के तहत घरों से गीला और सूखा कचरा अलग से एकत्र करने की योजना का श्रीगणेश करना। इसके लिए सभापति नरेश कनोजिया और आयुक्त राजेंद्र सिंह चांदावत की मौजूदगी में बुधवार सुबह घरों से कचरा एकत्र करने के लिए ऑटो टीपर गीला-सूखा कचरे का संग्रहण करने के लिए रवाना हुए।

शहर में सफाई व्यवस्था सुचारू रहे इसके लिए नगर परिषद प्रशासन की ओर से डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण योजना के तहत अब घरों से गीला और सूखा कचरा अलग से एकत्र करने की योजना का शुभारंभ किया। जिससे गीले कचरे से कम्पोस्ट ऑर्गेनिक खाद बनाई जा सके तो सूखे कचरे से प्लास्टिक, कागज-गत्ता, बोतल और मेटल वेस्ट को अलग किया जा सके। जिसे रियूज या रिसाइकिल किया जा सकेगा।

मालूम हो कि एनजीटी ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 लागू करने के लिए आदेश पूर्व में ही जारी कर रखे हैं। लेकिन लंबे समय से ब्यावर में इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए। इस पर गंभीरता जताते हुए जिला प्रशासन ने पूर्व में ही परिषद आयुक्त को इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए योजना पर तत्काल काम शुरू करने के निर्देश दिए थे। यहां घर-घर कचरा संग्रहण योजना तो शुरू हो गई मगर घरों से संग्रहित कचरे को पृथक्करण नहीं हो पा रहा था। आयुक्त चांदावत ने बताया कि यदि कचरे का पृथक्करण होता है तो सूखा और गीला कचरा अलग-अलग हो सकेगा।

इस संबंध में आयुक्त राजेंद्र सिंह चांदावत के आदेश पर गैराज अधीक्षक रतनसिंह पंवार ने डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए घरों तक पहुंचने वाले ऑटो टीपर में गीला और सूखा अलग से एकत्र करने की व्यवस्था की। पंवार ने बताया कि इसके लिए सभी 15 ऑटो टीपर मेें हरा डिब्बा रखा गया है जिसमें गीला कचरा एकत्र किया जाएगा जबकि ऑटो टीपर के अन्य हिस्से में पूर्व की तरह सूखा कचरा संग्रहित किया जाएगा।

सूखे कचरे की छंटनी, गीले से बनेगा ऑर्गेनिक खाद

अधिकारियों की मानें तो जल्द ही सूखे कचरे से प्लास्टिक, कागज-गत्ता, बोतल (कांच, प्लास्टिक और मेटल) और मेटल वेस्ट अलग हो सकेगा। जिसे रियूज या रिसाइकिल किया जा सकेगा। जबकि गीला कचरा जो घरों और होटल-ढाबे की किचन, सब्जी मंडी और ज्यूस सेंटर आदि से निकलता है इसका कम्पोस्ट ऑर्गेनिक खाद बनाया जा सकेगा। स्वास्थ्य निरीक्षक हरीराम लखन के मुताबिक रोजाना शहर के करीब 60 टन से अधिक कचरा उठता है। यदि डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण योजना के तहत गीले और सूखे कचरे को एकत्रित किया जाता है तो शहर से रोजाना करीब 60 टन उठने वाले कचरे के निस्तारण के साथ करीब 6 टन से अधिक ऑर्गेनिक खाद भी उपलब्ध हो सकेगी। जिससे परिषद कोष में भी राजस्व की प्राप्ति होगी।

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