विद्युत वितरण निगम की ओर से बिजली सप्लाई के लिए लगाए गए पोल व टावर निजी संस्थाओं के लिए प्रचार का साधन बने हुए हैं। सरकारी पोल पर प्रचार बोर्ड लगाना अवैध है, लेकिन शहर में कई विद्युत पोल पर खुले आम निगम के नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। एक ओर ऐसा करना जहां नियमों के खिलाफ हैं वहीं दूसरी ओर बिजली कर्मचारियों को विद्युत पोल पर चढ़कर उसमें हुई खराबी को दुरुस्त करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
निगम प्रशासन की अनदेखी के चलते इन पोल पर जगह जगह प्रचार बोर्ड लगाए गए हैं। निजी कोचिंग संस्थाओं, स्कूलों सहित निजी अस्पताल के बोर्ड व अन्य संस्थाओं के बोर्ड लगे हुए हैं। सरकारी संपति का लाभ निजी संस्थाएं फ्री में उठा रहे हैं। ज्यादातर ने न तो सक्षम अधिकारी से अनुमति ली और न ही कोई फीस अदा की। बिजली के पोल पर होर्डिंग और प्रचार बोर्ड लगाने के लिए संबंधित व्यक्ति या संस्था को निगम प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ती है। निर्धारित शुल्क भी अदा करना होता है।
शहर के मुख्य बाजार सहित कई स्थानों पर कुछ लोग विद्युत ट्रांसफार्मर के नीचे अनधिकृत रूप से व्यापार कर रहे हैं। निगम की ओर से समय-समय पर इन पर कार्यवाही की जाती है। परंतु कुछ दिनों बाद लोग फिर से ट्रांसफार्मर के नीचे आकर व्यापार करना शुरु कर देते हैं। निगम की ओर से लगातार इन लोगों को अधिकारियों द्वारा ट्रांसफार्मर के नीचे बैठे लोगों को खतरे की संभावनाओं के प्रति सचेत किया।
विद्युत वितरण निगम की ओर से भामाशाह की मदद कई ऐसे ट्रांसफार्मर जिनसे हादसे होने की आशंका बनी रहती है उनके चारों तरफ सेफ्टी वॉल का निर्माण करवाया गया है। जिससे उनसे हादसे होने की आशंका को दूर किया जा सके। निगम की ओर से बलाड़ रोड, चांग गेट, मेवाड़ी गेट सहित कई स्थानों पर ट्रांसफार्मर के चारों और सेफ्टी वॉल का निर्माण करवाया गया है।